मुंगेर के ग्रामीण क्षेत्रों में सज रही हथियार की मंडी, पुलिस के लिये बनी चुनौती

दियारा क्षेत्र से लेकर जंगल व पहाड़ के इलाके में धंधेबाज मुंगेरिया पिस्टल का निर्माण करा रहे हैं. यूं तो मुंगेर पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है और एसटीएफ की मदद से कई उपलब्धि भी हासिल हुई है, लेकिन अवैध हथियार का निर्माण आज मुंगेर पुलिस के लिए चुनौति बन गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2024 10:30 PM

मुंगेर. मुंगेर अवैध हथियार के निर्माण व तस्करी को लेकर जहां राष्ट्रीय फलक पर चर्चित रहा है. वहीं यह शहर एके-47 व अत्याधुनिक हथियारों की मंडी के रूप में भी जाना जाता है. हाल के वर्षों में अवैध हथियार खासकर मुंगेरिया पिस्टल व कट्टा का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर फैल चुका है. दियारा क्षेत्र से लेकर जंगल व पहाड़ के इलाके में धंधेबाज मुंगेरिया पिस्टल का निर्माण करा रहे हैं. यूं तो मुंगेर पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है और एसटीएफ की मदद से कई उपलब्धि भी हासिल हुई है, लेकिन अवैध हथियार का निर्माण आज मुंगेर पुलिस के लिए चुनौति बन गया है.

पिछले एक सप्ताह के दौरान जहां बिहार एसटीएफ ने दियारा क्षेत्र में छापेमारी कर गंगा के पानी के बीच बड़े पैमाने पर अवैध हथियार बनाने के मामले का उद्भेदन किया और भारी मात्रा में हथियार बरामद किये गये. वहीं टेटियाबंबर, गंगटा एवं शामपुर थाना क्षेत्र के जंगल व पहाड़ी इलाकों में भी जमकर हथियारों की भट्ठी चल रही है. कई परिवार इसमें पूरी तरह संलिप्त है. शुक्रवार की रात ही गंगटा थाना पुलिस ने मालपकौड़ी गांव में जिस अवैध हथियार निर्माण व मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया. उसके संचालन में पति-पत्नी की संलिप्तता सामने आयी. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन सामाजिक स्तर पर फैल रहे इस कारोबार से जिले के लोग भी सकते हैं. सैकड़ों की संख्या में ऐसे परिवार हैं, जो इस अवैध हथियार के निर्माण व तस्करी को अपनी जीविका का साधन बना लिया है. हाल के वर्षों में यह मामला भी सामने आया कि इसकी तस्करी में महिलाओं की संख्या भी कम नहीं है.

केस स्टडी- 1

30 अगस्त :

गंगटा थाना पुलिस ने माल पौकड़ी गांव में बबलू प्रसाद सिंह उर्फ बबलू मंडल के घर में छापेमारी कर मिनीगन फैक्टरी का उद्भेदन किया. जहां बबलू और उसकी पत्नी को पुलिस ने रंगे हाथ हथियार बनाते गिरफ्तार किया. जबकि वहां से सात देसी कट्टा सहित भारी मात्रा में हथियार बनाने का सामान बरामद किये गये. पुलिस ने उसके घर से एक सूमो विक्टा व बाइक भी बरामद की. जिसका उपयोग वह हथियार तस्करी के लिए करता था.

केस स्टडी- 2

24 अगस्त 2024 : एसटीएफ और मुफस्सिल थाना पुलिस ने सिरजुआ तौफिर दियारा में छापेमारी कर मिनी गन फैक्टरी का उद्भेदन किया. जहां से पुलिस ने 2 देसी पिस्टल, चार कारतूस, 12 खोखा, 6 बेस मशीन, 7 अर्द्धनिर्मित देसी पिस्टल बॉडी, 5 बैरल, तीन ट्रिगर और एक हैंड ड्रील मशीन के साथ अवैध हथियार बनाने का ढेर सारा औजार बरामद किया. पुलिस ने मौके पर से मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टीकारामपुर बिहारी मरर टोला निवासी सुबोध यादव, बेचो यादव, बटोरन यादव, रूकेश यादव, मिट्टू कुमार उर्फ मिट्ठू यादव एवं बेगूसाय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के मोहनपुर निवासी सर्वेश यादव को गिरफ्तार किया गया था.

केस स्टडी- 331 जुलाई 2024 – टेटियाबंबर थाना क्षेत्र के बनौली गांव स्थित एक बकरी फॉर्म में पुलिस ने छापेमारी कर पांच मिनीगन फैक्टरी का का उद्भेदन किया था. जहां से सात निर्मित पिस्टल, नौ मैगजीन, पांच बेस मशीन, 12 जिंदा कारतूस सहित भारी मात्रा में हथियार बनाने का उपकरण व मशीनरी सामग्री बरामद की. पुलिस ने हथियार बनाते मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह गांव के मो. सज्जाद, मो. सदरूल उर्फ कैली, मो. वसीम, असरगंज थाना क्षेत्र के मदारपुर निवासी मो. पप्पू एवं मो. कैसर को गिरफ्तार किया गया. जबकि मुख्य सरगना बरदह निवासी मो. अंगूर और बकरी फॉर्म संचालक सर्वेश कुमार अब तक पुलिस पकड़ से बाहर है.

कहते हैं पुलिस अधीक्षक

पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि अवैध हथियार निर्माण व तस्करी को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें सफलता भी मिल रही है. जिसके कारण हथियार निर्माण व तस्करी के कारोबार पर कुछ हद तक लगाम लगा है. पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा.

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