मुंगेर के बरियारपुर में देश के कई शहरों के कलाकारों का जमघट लगा है. यहां के कलाकार नाटक में हो रहे नये-नये प्रयोग को भी इन कलाकारों के माध्यम से सीख रहे हैं, वहीं कलाप्रेमी आनंद के सागर में गोते लगा रहे हैं. अंग नाट्य मंच कार्यालय गांधीपुर में आयोजित तीन दिवसीय 24वां अंग नाट्य यज्ञ के दूसरे दिन शनिवार को तीन नुक्कड़ नाटक एवं रात्रि के कार्यक्रम में पांच लघु नाटक का मंचन किया गया. साथ ही मणिपुर, बंगाल, मुंबई, उड़ीसा, जमशेदपुर सहित अन्य राज्यों के कलाकारों ने अपने राज्यों की संस्कृति का परिचय कराया.
गांधी का चश्मा नाटक में दिखाया गया गांधी के आदर्श
कार्यक्रम में बरियारपुर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे गीता ग्रेट इंडियन थियेटर एसोसिएशन जमशेदपुर द्वारा सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक पेश किया. इसमें लोगों को संदेश दिया गया कि किसी भी गाड़ी को ड्राइव करते समय नियमों का पालन करें और हेलमेट अवश्य पहनें. इसमें कलाकार आरती यादव, सूरज बीवर, अंकुर दास ने अभिनय किया.
आखिरी नुक्कड़ नाटक यूथ राउरकेला टीम द्वारा गांधी का चश्मा नाटक के माध्यम से संदेश दिया गया कि वर्तमान में गांधी और उनके आदर्शों को सब भूल चुके हैं. लोग हिंसा और असत्य के राहों पर चलने लगा है. इसमें कलाकार अमित राज चौधरी, लकी नारायण प्रधान, निरंजन प्रधान, सुप्रिया ने अपने अभिनय की प्रस्तुति दी.
लोक नृत्य व लघु नाटक की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोहा
रात्रि के कार्यक्रम में डेट जमशेदपुर द्वारा मुंशी प्रेमचंद लिखित एवं अनुज प्रसाद निर्देशित लघु नाटक बड़े भाई साहब का मंचन किया गया. इसमें दो भाइयों के बीच मतलब, सहयोग, अधिकार और प्रेम का मिला-जुला अंगात्मक रस दिखाया गया. इसमें कलाकार अनुज प्रसाद, अमित कुमार, यश पांडे ने अपनी सशक्त भूमिका निभाई. वहीं एक्टिव थिएटर कोलकाता द्वारा एक बोंदो का मंचन किया गया. इसमें दर्शाया गया कि एक प्रसिद्ध लेखक जिन्हें उनके उपन्यास के लिए अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
दरअसल वह शख्स जिंदगी में कितना बड़ा अपराधी था और उसने इनाम कैसे कमाया, इसका पोस्टमार्टम इस नाटक के माध्यम से किया गया. इसके कलाकार निर्मल चक्रवर्ती, आलोक विश्वास, मुनमुन पाठक ने अभिनय किया. बीइंग कलाकार मुंबई द्वारा सूप, पंचतत्व उड़ीसा द्वारा ईश्वर अल्लाह तेरो नाम एवं श्रीजा फाउंडेशन मुंबई द्वारा आखिरी रंग नाटक का मंचन किया गया. साथ ही लोक नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों का मनमोह लिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में अंग नाट्य मंच के सदस्य अर्पित कुमार गोलू, अभय कुमार, संजय कुमार की भूमिका सराहनीय रही.
विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों ने रखी अपनी बात
- राउरकेला उड़ीसा के कलाकार पूजा कहती हैं कि बरियारपुर की धरती पर आकर लगता है कि मैं अपने घर पर ही आई हूं. यहां के लोग काफी मिलनसार हैं जो दिल को छू जाता है .
- राउरकेला के ही आर्य कलाकार ऋषिकेश मोहती कहते हैं कि धन्य है यह बरियारपुर की धरती जहां पर शानदार व्यवस्था के बीच ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं .
- मणिपुर की जयंती का कहना है कि बरियारपुर की धरती पर कदम रखते ही यहां के लोग कदम-कदम पर पूछते हैं कि मैडम अगर कोई परेशानी हो तो बताएं. इससे अनुभव होता है कि यहां के लोगों में अतिथियों के प्रति कितना ज्यादा प्रेम है. यहां आ कर काफी खुशी मिलती है.
- राउरकेला से आयी वीणा पानी कहती हैं कि यहां आने पर एक अजब सी अनुभूति होती है. बरियारपुर ऐसे जिला में पड़ता है जहां कई धार्मिक स्थल मौजूद हैं. जो रामायण एवं महाभारत काल से जोड़कर रखता है .