रुठ गयी बदरा, प्यासा खेत मांग रहा पानी
रुठ गयी बदरा, प्यासा खेत मांग रहा पानी
नैराश्य के आंगन से आकाश की ओर ताक रहे किसान – 3457.85 हेक्टेयर के विरुद्ध मात्र 49.75 हेक्टेयर में किसान गिरा पाये बिचड़ा फोटो संख्या – फोटो कैप्शन – प्रतिनिधि, मुंगेर आषाढ़ का महीना चल रहा है और नक्षत्र आद्रा. इस समय आकाश में बादल छाये रहते हैं और झमाझम वर्षा से धरती भीगी-भीगी. नदियां उफान पर रहती हैं और खेतों में पानी. तभी तो यह काल कृषि की अनुकूलता के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. किंतु आज स्थिति ठीक इसके विपरीत है. आकाश में बादल तो हैं पर बरस नहीं रहे और प्यासा खेत पानी मांग रहा है. किसान का हृदय बैठा जा रहा है कि धान का बिचड़ा लगाने का समय अब समाप्त हो रहा है और खेत सूखा पड़ा है. नैराश्य के आंगन में खड़े किसान बस आकाश की ओर टकटकी लगाये ताक रहे हैं कि आज वर्षा हो और वे खेतों में बिचड़ा गिराये. पर बादल है कि बरस ही नहीं रहे. रूठ कर चली जा रही बादल, प्यासा खेत मांग रहा पानी आकाश में बादल उमड़-घूमड़कर आ रहे हैं और लौट कर कहीं चले जा रहे हैं. हालांकि घूम-घूम कर कभी-कभी हल्की बारिश हो रही है. लेकिन खेतों को इससे कोई लाभ नहीं पहुंच रहा है. आकाश में घने बादल छा जाने के बाद किसानों को अब होगी बारिश की आस लगी है. लेकिन बादल बिना बारिश के ही हवा की झोंके के साथ गायब भी हो जा रहे हैं. बादल के इस लूकाछूपी खेल ये किसानों की समस्या बढ़ती जा रही है. विशेषज्ञों की मानें तो 25 मई से ही धान का बिचाड़ा गिराने का समय शुरू हो जाता है. जून के प्रथम सप्ताह में हो बिचड़ा खेतों में गिर जाना चाहिए था, लेकिन अब तक बिचड़े की भी बुआई शुरू भी नहीं हो पायी है. जिले में 49.75 हेक्टेयर में ही गिर पाया बिचड़ा, उसको भी बचाना मुश्किल जिला कृषि विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में इस वर्ष 34580 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य निर्धारित है. जबकि 3457.85 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा गिराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लेकिन बारिश नहीं होने से धान का बिचड़ा गिराने में किसान काफी पिछड़ रहे हैं. जिले में मात्र अब तक 49.75 हेक्टेयर में ही बिचड़ा गिर पाया है. जो लक्ष्य का मात्र 1.44 प्रतिशत है. वर्षा के इंतजार में बोरिंग के सहारे कुछ किसानों ने बिचड़ा तो गिरा दिया है. वर्षा के अभाव में खेतों में गिरे बिचड़े को बचाना मुश्किल हो रहा है. बिचड़ा गिरे खेतों में तो अब दरारें भी आने लगी हैं. किसानों को अब तक 737 क्विंटल धान का बीज कराया गया उपलब्ध कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि जिले में इस बार 991 क्विंटल धान बीज वितरण का लक्ष्य है. जिसके विरुद्ध जिले को 895 क्विंटल धान का बीज उपलब्ध कराया गया. जिसमें से 737 क्विंटल धान का बीज किसानों को अनुदानित दर पर अब तक उपलब्ध करा दिया गया है. कृषि विभाग ने किसानों से अपील की कि जिन किसानों ने धान का बीज नहीं लिया है. वह प्रखंड कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर बीज प्राप्त कर सकते हैं. किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर सरकार धान का बीज उपलब्ध करा रही है. कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी जिला कृषि पदाधिकारी ब्रज किशोर ने बताया कि जिले में इस वर्ष 3457.85 हेक्टेयर में बिचड़ा गिराने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन अब तक लक्ष्य के विरुद्ध 1.44 प्रतिशत ही धान का बिचड़ा गिर पाया है. आद्रा नक्षत्र 10 जुलाई तक चलेगा. अच्छी बारिश होने की उम्मीद है. किसान 10 जुलाई तक खेतों में बिचड़ा गिरा सकते है. उन्होंने किसानों से अपील की कि जिन किसानों के पास बोरिंग की व्यवस्था है वैसे किसान खेतों में बिचड़ा गिराने का काम शुरू कर दें, ताकि अच्छी बारिश होने पर धान की रोपणी खेतों में हो सके. —————————————————— प्रखंडवार धान बिचड़ा का आच्छादन का विवरण (हेक्टेयर में) प्रखंड का नाम लक्ष्य आच्छादन प्रतिशत असरगंज 437.5 4 0.91 बरियारपुर 80.1 2 2.50 धरहरा 477.75 2.75 0.58 जमालपुर 60.7 0.5 0.82 हवेली खड़गपुर 954.8 1.5 0.16 सदर मुंगेर 8.2 0.5 6.10 संग्रामपुर 510.4 5 0.98 तारापुर 544.4 32 5.88 टेटियाबंबर 384 1.5 0.39
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