नक्सल प्रभावित न्यू पैसरा से गिरफ्तार बंग्लादेशी इब्राहिम गया जेल
न्यू पैसरा गांव से गिरफ्तार बंग्लादेशी इब्राहिम खलील को पुलिस ने बुधवार को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया.
लड़ैयाटांड थाना में दर्ज हुई एफआइआर, नाम पता सत्यापन के लिए अलग-अलग एजेंसियों को दी गयी सूचना, प्रतिनिधि, मुंगेर. बिना किसी उचित दस्तावेज के नक्सल प्रभावित लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के पहाड़ की तड़ाई में स्थित न्यू पैसरा गांव से गिरफ्तार बंग्लादेशी इब्राहिम खलील को पुलिस ने बुधवार को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया. इधर, उसके द्वारा बताये नाम, पता के सत्यापन व जांच के लिए के लिए मुंगेर पुलिस ने अलग-अलग खुफिया एजेंसी को सूचना दी गयी है. पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि पैसरा कैंप के सीआरपीएफ जवानों को सूचना मिली कि पहाड़ की तराई में बसे न्यू पैसरा गांव में कुछ दिनों से एक अंजान व्यक्ति घूम रहा है. जवानों ने वहां पहुंच कर उसे उक्त व्यक्ति को हिरासत में लेकर लड़ैयाटांड थाना को सौंप दिया. जिससे गहन पूछताछ की गयी. उसने अपना नाम इब्राहिम खलील और खुद को बंग्लादेशी नागरिक बताते हुए दिनाजपुर का रहने वाला बताया. वह कैसे और कब आया इसे लेकर उसने जो बताया वह संतोषजनक नहीं है. बिना वैद्य कागजात के भारत आना और यहां रहना दोनों कानून अपराध है. इस कारण फौरेन एक्ट के तहत लड़ैयाटांड में प्राथमिकी दर्ज की गयी. बुधवार को गिरफ्तार बंग्लादेशी इब्राहिम खलील को न्यायालय में उपस्थापन कराया और न्यायालय के आदेश पर उसे पुलिस अभिरक्षा में मुंगेर मंडल कारा भेज दिया.
खुफिया एजेंसी करेंगी मामले की जांच, मुंगेर पुलिस ने दी सूचना
बताया जाता है कि मंगलवार को गिरफ्तार बंग्लादेशी को एसपी कार्यालय लाया गया. जहां पर खुद एसपी ने उससे पूछताछ की. हालांकि, उसकी जब भाषा समक्ष में नहीं आयी तो बंगला भाषा जानने वाले अनुवादक को बुलाकर उससे पूछताछ की गयी. इसमें उसका नाम, पता, देश के बारे में जानकारी हासिल हुई. इब्राहिम से स्पेशल ब्रांच और आइबी की टीम ने भी एसपी ऑफिस पहुंच कर पूछताछ की. एसपी ने बताया कि इब्राहिम खलील से जो भी जानकारी मिली है उससे अलग-अलग खुफिया एजेंसी व जांच एजेंसी को अवगत करा दिया गया है. जो अपने स्तर से पूरे मामले की जांच करेंगी.
इब्राहिम हर बार बदल रहा बयान, पुलिस परेशान
अनुवादक के सहारे गिरफ्तार इब्राहिम खलील से जब पूछताछ की गयी और उसने जो बताया वह संतोषजनक नहीं था. वह कभी कहता था कि ट्रेन से आया है, कभी कहता था कि वह पैदल ही यहां आया है. इतना ही नहीं उसने एक बार बताया कि उसका मामा यहां लाकर उसे छोड़ गया है. अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है, लेकिन अगर उसे उसका मामा नक्सल प्रभावित क्षेत्र में छोड़ गया है तो यह संभावना भी प्रबल हो जाती है कि उसके साथ और कुछ लोग यहां आये हुए है. वैसे मुंगेर पुलिस इसे लेकर धरहरा क्षेत्र में सघन जांच शुरू कर दिया है.
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——————————————मुंगेर व बंगलादेश के बीच पूर्व में भी रहा है अवैध कनेक्शन
मुंगेर : बंग्लादेशी नागरिक इब्राहिम खलील की गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बंग्लादेश और मुंगेर के बीच कोई न कोई कनेक्शन है. पूर्व में ही ये बातें सामने आयी है कि जिला मुख्यालय और विभिन्न प्रखंडों में बंग्लादेशी नागरिक बिना किसी दस्तावेज के अवैध रूप से रह रहे है. जिसने फर्जी तरीके से भारतीय पहचान पत्र आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड तक बनवा लिया है. समय-समय पर मुंगेर में यह मामला उठता रहा है. 2016 में भी बंग्लादेश व मुंगेर के कनेक्शन का एक मामला सामने आया था. 1 जुलाई 2016 को ढाका के आर्टिजन बेकरी में आतंकी हमला हुआ था. जिसमें एक भारतीय सहित 20 बंधकों की आतंकियों ने निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी. उस समय ढाका ट्रिब्यून समाचार पत्र में छपा था कि मुंगेर में मॉडिफाई किए गए एके-22 रायफलों को आम की टोकरी में छिपा कर आतंकी घटना के तीन माह पूर्व बांग्लादेश भेजा गया था. जिससे घटना को अंजाम दिया गया था. विदित हो कि यहां के हथियार तस्करों का कनेक्शन बंग्लादेश से है. यहां के हथियार तस्कर बंग्लादेश की जेल में भी रह चुके है. वहां से जाली भारतीय नोट लाकर मुंगेर में चलाया करते थे. इन्हीें हथियार तस्करों के सहयोग से बंग्लादेशी यहां अवैध रूप से आसानी से शरण ले रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है