क्रेडिट कार्ड रद्द करने को बैंक कर्मी ने दिया नंबर, कॉल किया तो हो गयी 1.06 लाख की ठगी

एक तरफ साइबर अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है और दूसरी तरफ बैंककर्मियों की कारगुजारियों के कारण उपभोक्ता साइबर अपराधियों के हाथों अपना जमा पूंजी लूटा रहे है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 18, 2024 11:07 PM

मुंगेर.एक तरफ साइबर अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है और दूसरी तरफ बैंककर्मियों की कारगुजारियों के कारण उपभोक्ता साइबर अपराधियों के हाथों अपना जमा पूंजी लूटा रहे है. यह मामला जमालपुर से जुड़ा हुआ है. जहां एचडीएफसी बैंक ने बिना उपभोक्ता के स्वीकृति का डाक से क्रेडिट कार्ड भेज दिया, वहीं जब उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड को रद्द कराने पहुंचे तो एक बैंककर्मी ने एक मोबाइल नंबर देते हुए कॉल करने को कहा. जब उपभोक्ता ने कॉल किया तो उधर से ओटीपी बताने को कहा. जैसे ही उपभोक्ता ने ओटीपी बताया, उसके खाते से 1.06 लाख रुपये निकल गया. जमालपुर थाना क्षेत्र के ब्रह्मस्थान सदर बाजार निवासी कन्हैया मंडल का खाता अवंतिका मोड़ स्थित एचडीएफसी में है. जिसका संचालन उसकी पत्नी प्रीति रानी करती है. कन्हैया मंडल ने ही साइबर थाना में ठगी का लिखित शिकायत किया है. उसने आवेदन में कहा है कि 4 जुलाई 2024 को बैंक से कॉल आया और बताया गया कि उनके नाम से क्रेडिट कार्ड निर्गत कर दिया गया है. डाक से घर पर भेज दिया गया है. जबकि उन्होंने क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक में आवेदन तक नहीं दिया था. उसकी पत्नी बैंक गयी और क्रेडिट कार्ड को रद्द करने को कहा. तब एक कर्मचारी गौरव कुमार ने एक मोबाइल नंबर दिया और कहा कि इस पर कॉल कर क्रेडिट कार्ड रद्द करवा ले. इसके बाद महिला ने कॉल किया तो उधर से जवाब मिला कि एक ओटीपी आयेगा तो बतायेंगे. महिला ने ओटीपी बताया और कुछ ही देर में खाते से 1 लाख 6 हजार निकासी का मैसेज आ गया. 25 जुलाई को उसके खाते से राशि की निकासी कर ली गयी. उसकी पत्नी शाखा प्रबंधक से मिली. शाखा प्रबंधक ने कहा कि आपकी शिकायत दर्ज कर ली गयी है. आपके मोबाइल पर मैसेज या कॉल आयेगा. लेकिन न तो क्रेडिट कार्ड बंद हुआ और न ही कोई कॉल व मैसेज आया. जब पुन: शिकायत किया तो शाखा प्रबंधक ने कहा कि आपको ही सारा राशि का भुगतान करना होगा. इस कारण साइबर थाना में लिखित शिकायत करने में विलंब हो गया. कहते हैं साइबर थानाध्यक्ष यातायात डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष प्रभात रंजन ने बताया कि 1.06 लाख ठगी का लिखित आवेदन मिला है. प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जायेगी. बैंककर्मियों से भी इस संबंध में पूछताछ की जायेगी.

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