मुंगेर. फरवरी से मुंगेर विश्वविद्यालय के सभी विभागों का भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) टीम ऑडिट कर रही है. अब यह जल्द ही पूरा होने वाला है. बीते दिनों कैग टीम कई मामलों, विशेषकर विश्वविद्यालय की ओर से जनवरी 2021 से मई 2023 तक कई मदों में की गयी खरीद की फाइल उपलब्ध नहीं कराने को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुकी है. जबकि टीम द्वारा अपनी सभी आपत्ति शिक्षा विभाग को दिये जाने की बात भी कही गयी है. ऐसे में कैट टीम का ऑब्जेक्शन आने वाले समय में एमयू के लिए परेशानी का कारण बन सकती है. बता दें कि फरवरी माह में ही कैग टीम द्वारा विश्वविद्यालय का ऑडिट शुरू किया गया है. इसमें टीम द्वारा मार्च माह में ही विश्वविद्यालय से खरीदारी सहित यूएमआइएस, पोर्टल, कॉलेजों की संबद्धता, स्वीकृत पद, खेल, एनएसएस मद आदि की फाइल मांगी गयी. हालांकि विश्वविद्यालय द्वारा टीम को इसमें से कई मामलों की फाइल उपलब्ध करा दी गयी. जबकि जनवरी 2021 से मई 2023 तक की गयी कई खरीदारी मामलों की फाइलों को टीम को उपलब्ध नहीं कराया गया है. इसे लेकर बीते दिनों कैग टीम ने विश्वविद्यालय के साथ हुई बैठक में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए आगे विश्वविद्यालय के साथ बैठक नहीं किये जाने तथा सभी ऑब्जेक्शन को विभाग को भेजे जाने की बात कही है.
साल 2021 से 2023 के बीच एमयू ने की है लाखों की खरीदारी:
बता दें कि एमयू ने साल 2021 से 2023 के बीच कई मदों में खरीद की है. विश्वविद्यालय द्वारा साल 2021 के अंत में ही बिना लाइब्रेरी के लगभग दो हजार पीस लाइब्रेरी कार्ड विद्यार्थियों के लिए खरीद लिया गया था. इसके अतिरिक्त कुलपति व प्रतिकुलपति के लिए गाड़ी के साथ कंप्यूटर, लैपटॉप आदि की खरीद की गयी थी. इतना ही नहीं एमयू में हाल के दिनों में एप्पल के गायब मोबाइल भी विश्वविद्यालय द्वारा साल 2021 में ही खरीदे गये थे. अतिरिक्त जेनरेटर की खरीद भी इसी दौरान की गयी थी. हद तो यह है कि सूत्रों की मानें तो एमयू के पास साल 2021 से 2023 के बीच खरीदारी के कई फाइलों का बिल, वाउचर व फाइल नंबर तो है. लेकिन मूल फाइल ही एमयू को नहीं मिल पा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है