कैग की आपत्ति आने वाले समय में बढ़ायेगी विश्वविद्यालय की परेशानी
मुंगेर विश्वविद्यालय में लगातार समस्याओं का अंबार लगता जा रहा है. इस बीच भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक (कैग) के 40 से अधिक आपत्तियों में कइयों का जवाब अबतक न देना आने वाले समय में विश्वविद्यालय की परेशानियों को बढ़ायेगा.
बीते दिनों शिक्षा विभाग की बैठक के दौरान भी कैग की आपत्ति को लेकर पूछे गये थे सवाल, प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय में लगातार समस्याओं का अंबार लगता जा रहा है. इस बीच भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक (कैग) के 40 से अधिक आपत्तियों में कइयों का जवाब अबतक न देना आने वाले समय में विश्वविद्यालय की परेशानियों को बढ़ायेगा. क्योंकि अक्तूबर माह में ही पटना में आयोजित शिक्षा विभाग की बैठक के दौरान कैग के आपत्तियों को लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कई सवाल पूछे गये थे. साथ ही जल्द ही आपत्तियों का जवाब देने का निर्देश दिया गया है. फरवरी 2024 से मई माह के बीच कैग द्वारा विश्वविद्यालय का ऑडिट किया गया था. इस दौरान लगातार एमयू में कई वित्तीय मामलों की फाइल नहीं मिलने सहित अन्य मामलों को लेकर कैग टीम द्वारा आपत्ति दर्ज की गयी थी. जबकि ऑडिट के दौरान कई बार कैग टीम द्वारा विश्वविद्यालय से जानकारी नहीं मिलने की शिकायत भी की गयी थी. इसके बाद कैग टीम द्वारा ऑडिट के पश्चात विश्वविद्यालय को लगभग 40 बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसका जवाब मांगा गया था. जिसमें कई आपत्तियों का जवाब लगभग 6 माह बाद भी विश्वविद्यालय नहीं दे पाया है.
40 बिंदुओं पर कैग ने की है आपत्तियां
बता दें कि कैग द्वारा जहां ऑडिट के दौरान साल 2021 से 2022 के बीच लगभग 60 लाख से अधिक खरीद मामले की फाइल उपलब्ध नहीं कराने पर आपत्ति दर्ज की गयी है. वहीं विश्वविद्यालय द्वारा नियमानुसार अपने सक्षम प्राधिकार सिंडिकेट की बैठक आयोजित नहीं किये जाने को लेकर भी आपत्ति दर्ज की गयी है. जिसमें टीम द्वारा कहा गया है कि नियमानुसार विश्वविद्यालय में प्रत्येक साल 12 सिंडिकेट अर्थात एक साल में 60 सिंडिकेट की बैठक होनी है, लेकिन एमयू में अबतक केवल 12 सिंडिकेट बैठक ही आयोजित की गयी है. इसके अतिरिक्त कैग टीम द्वारा विश्वविद्यालय में सालों से अधिकारियों और कर्मियों के पास पड़े लगभग 3.70 करोड़ के एडवांस सेटलमेंट पर भी आपत्ति दर्ज की गयी है. जिसके लिये ऑडिट के दौरान ही टीम द्वारा एडवांस सेटलमेंट करने का निर्देश दिया गया था. वहीं परीक्षा विभाग से संबंधित साल 2021 से 2022 के बीच कई फाइलों को उपलब्ध नहीं कराये जाने पर भी आपत्ति दर्ज की गयी है, लेकिन एमयू द्वारा अबतक कैग के कई आपत्तियों का जवाब नहीं दिया गया है. ऐसे में आने वाले समय में वित्तीय समीक्षा के दौरान कैग की आपत्तियां विश्वविद्यालय के लिये मुश्किल खड़ी कर सकती है.
कहते हैं कुलसचिव
एमयू के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि कैग के अधिकांश आपत्तियों का जवाब दे दिया गया है. कुछ का जवाब देना है. जिसे जल्द से जल्द दे दिया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है