डीआइजी ऑफिस का पुलिसकर्मी बताकर चार कैटरर को जमकर पीटा
कैटरर के परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना देने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया
प्रतिनिधि, जमालपुर. ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र स्थित रेलवे के नेशनल इंस्टीट्यूट अथवा उत्सव भवन में स्वयं को डीआइजी ऑफिस का पुलिसकर्मी बता कर एक व्यक्ति ने चोरी का इल्जाम लगाते हुए चार केटरर को गमछे से बांधकर उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी. कैटरर के परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना देने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया. जानकारी के अनुसार, शनिवार को ईस्ट कॉलोनी थाना के मुंगरौड़ा निवासी आशा देवी ने रिसेप्शन को लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट बुक कराया था. वहां अतिथियों को खाना खिलाने के लिए माधोपुर मुंगेर से संतोष कैटरर्स को बुक किया गया था. इस बीच रात में ही सारे कैटरर्स अपने घर चले गये थे, परंतु रविवार को मुंगरौड़ा टेढ़ी गली निवासी आलोक कुमार ने स्वयं को डीआईजी ऑफिस का पुलिसकर्मी बताते हुए चार कैटरर को काम का लोभ देकर नेशनल इंस्टीट्यूट जमालपुर बुलाया और चोरी का इल्जाम लगाते हुए चारों कैटरर को गमछा से बांधकर बेरहमी से पिटाई की और सभी रोते-चिल्लाते रहे, लेकिन आलोक कुमार और उसके साथियों पर कोई असर नहीं पड़ा. इन कैटरर में मुंगेर के पूरबसराय निवासी अखबार के हॉकर उमेश कुमार का पुत्र सौरभ कुमार, बिट्टू साहू का पुत्र गोलू कुमार, राजेंद्र मंडल का पुत्र छोटू कुमार और सुरेश यादव का पुत्र आलोक कुमार शामिल थे. उधर सौरभ द्वारा दी गयी सूचना पर हॉकर उमेश कुमार नेशनल इंस्टीट्यूट पहुंचे. परंतु उसकी भी दबंगों ने पिटाई कर दी. इसके बाद वह ईस्ट कॉलोनी थाना पहुंचा और इसकी शिकायत पर पुलिस से की. जिसके बाद थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार मिश्रा दलबल के साथ नेशनल इंस्टीट्यूट पहुंचे और घायलों से पूछताछ की. इस क्रम में आलोक ने बताया कि रिसेप्शन के दौरान मिले गिफ्ट की कैटरर ने चोरी की है. उन्होंने सीसीटीवी का फुटेज देखने की अपील की. इधर, चारों कैटरर ने बताया कि यदि पुलिस नहीं आती तो उन लोगों की जान जा सकती थी. थानाध्यक्ष ने नेशनल इंस्टीट्यूट के पदाधिकारी को भी इस मामले में चेतावनी दी और इस प्रकार की घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को देने को कहा. वहीं पुलिस द्वारा दोनों पक्षों से लिखित समझौता कराकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया, लेकिन सवाल यह है कि चार कैटरर की बेरहमी से तो पिटाई कर दी गयी, लेकिन पुलिस पिटाई करने वाले आलोक व उसके साथियों पर क्या कार्रवाई की. यह चर्चा का विषय बना हुआ है.