Munge news : क्राइम कंट्रोल में तीसरी आंख की जरूरत को देखते हुए मुंगेर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर जनसहयोग से दो दशक पूर्व 36 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. किला के मुख्य गेट के समीप अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कार्यालय में उसका कंट्रोल रूम बनाया गया था. पर, मेंटेनेंस के अभाव में सभी कैमरे खराब पड़े हैं. अब हाल यह है कि कोई भी आपराधिक वारदात होने पर पुलिस दूसरों के घरों व दुकानों में लगे सीसीटीवी के सीडीआर को ढूंढ़ती है. हालत यह है कि शहर की निगहबानी में लगी तीसरी आंख अब पूरी तरह से अंधी हो चुकी है.
36 स्थानों पर लगे थे सीसीटीवी कैमरे
दो दशक पूर्व शहर में बढ़ते अपराध पर नियंत्रण के लिए जनसहयोग से 36 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. शहर के जुबली बेल, सोझी घाट चौक से हीरो होंडा एजेंसी, पोस्ट ऑफिस रोड, जुबली बेल, शिवाजी चौक, भगत सिंह चौक से लल्लू पोखर, किला गेट से एक नंबर ट्रैफिक मार्ग, कौड़ा मैदान चौक, भगत सिंह चौक से महिला थाना मार्ग, एक नंबर ट्रैफिक से राजीव गांधी चौक मार्ग, एक नंबर ट्रैफिक से सदर अस्पताल रोड, एक नंबर ट्रैफिक से नगर निगम रोड, कौड़ा मैदान से अंबे चौक मार्ग एवं जमालपुर स्टेशन मार्ग, मुर्गियाचक चौक से पूरबसरायफांड़ी मार्ग, जुबली बेल मुंगेर से दुर्गा स्थान, मुंगेर स्टेशन परिसर गेट, मुंगेर स्टेशन से रिफ्यूजी कालोनी मार्ग, मुंगेर स्टेशन से दिलीप महल मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. अब ये पूरी तरह बेकार पड़ेहैं.
बिजली कटने पर टेलीफोन हो जाता है बंद
मुंगेर किला क्षेत्र में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर कार्यालय के एक कमरे में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी थी. यहां से शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही थी. इसके लियेबकायदा नियंत्रण कक्ष में पुलिस अधिकारी और दंडाधिकारी की नियुक्ति तक की गयी थी. यहां बड़े मॉनीटर के साथ ही अन्य तकनीकी सुविधा मुहैया करायी गयी, लेकिन आज नियंत्रण कक्ष में लगे सभी उपकरण काम करना बंद कर दिये हैं. वर्तमान समय में मात्र यहां महिला सिपाही तैनात हैं, जो 12-12 घंटे के शिफ्ट में काम करती हैं. उनकी उपस्थिति बताती है कि यह पुलिस का जिला नियंत्रण कक्ष है. हालात यह हैं कि जब बिजली कटती है, तो यहां लगा टेलीफोन भी काम करना बंद कर देता है.
अपराध होने पर दूसरों के घर व दुकानों के भरोसे पुलिस
शहर में होनेवाले हर में क्राइम के बाद पुलिस निजी मकानों, दुकानों एवं सरकारी संस्थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के लिए दौड़ लगाती है. बावजूद खुद की मदद के लिए जनसहयोग से लगाये गये कैमरों को ठीक कराने की दिशा में रुचि नहीं ले रही. इसका लाभ बदमाशों को मिल रहा है. एक सप्ताह पूर्व शहर के पूरबसरायगोसालामोड़ के समीप स्थित डीएवी स्कूल के पास बच्चे को छोड़ने आयी महिला के गले से सोने की चेन झपट कर उचक्का फरार हो गया. इसके बाद पूरबसराय थाने की पुलिस जगह-जगह घरों, दुकानों एवं सरकारी संस्थानों में लगे सीसीटीवी फुटेज के लिए दौड़ लगाती रही. फुटेज भी मिला और कोढ़ा गैंग के रूप में उचक्कों की पहचान भी हुई. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कोढ़ा गैंग के एक सदस्य के घर से 60 हजार रुपये भी बरामद किया.
धरी रह गयी कैमरा लगाने की योजना
शहर में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने नवंबर, 2016 में एक बैठक की थी. इसमें मुंगेर शहर के 64 स्थानों को पुलिस विभाग ने संवेदनशील स्थल के रूप में चिह्नित करते हुए सीसी टीवी कैमरा लगाने की जरूरत बतायी. तत्कालीन विधायक विजय कुमार विजय समेत आइटीसी, मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत अन्य संगठनों ने इसमें सहयोग की बात कही्. इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे के लिए बिजली बिल भुगतान एवं बिजली नहीं रहने पर कैमरे का संचालन कैसे होगा इस पर चर्चा हुई थी. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एक फंडिंग कमेटी बनायी जायेगी, जिसमें आम लोगों से मिलनेवाली सहयोग राशि जमा होगी. कमेटी की निगरानी में बिजली बिल का भुगतान किया जायेगा, जबकि बिजली नहीं रहने पर जेनरेटर से कैमरे के लिए बिजली आपूर्ति की जायेगी. पर, यह योजना धरी-की-धरी रह गयी.
सीसीटीवी कैमरा लगाने की होगी पहल
पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि आज के दौर में सीसीटीवी कैमरे की उपयोगिता काफी बढ़ गयी है. इसके लगने के बाद आपराधिक वारदातों में कमी आयेगी. आपराधिक वारदात होने के बाद उसके अनुसंधान में भी पुलिस को मदद मिलती है. पुलिस के पास इसके लिए फंड की व्यवस्था होगी, तो उससे सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे. अगर नहीं होगी, तो जिलाधिकारी, नगर निगम एवं जनसहयोग से सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए उनके स्तर से पहल की जायेगी.