आदिवासी बाहुल्य पहाड़ी क्षेत्र में मवेशियों की मौत से पशुपालकों में मचा कोहराम
प्रखंड की नक्सल प्रभावित बंगलवा पंचायत के आदिवासी बाहुल्य पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही मवेशियों की मौत से पशुपालकों में कोहराम मच गया है
प्रतिनिधि,धरहरा. प्रखंड की नक्सल प्रभावित बंगलवा पंचायत के आदिवासी बाहुल्य पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही मवेशियों की मौत से पशुपालकों में कोहराम मच गया है. पशुपालकों ने इसकी सूचना क्षेत्र के पशु चिकित्सालय को दी, लेकिन पशु चिकित्सक गांव नहीं आये. हालांकि, उन्होंने कुछ दवाइयां जरूर गांव भेज दिया. अब तक तीन गायों की मौत हो चुकी है, जबकि आधा दर्जन से अधिक गाय बीमार है और मरनासन्न स्थिति में पहुंच गयी है. बंगलवा पंचायत के सराधी निवासी पशुपालक मो असलम, रविकांत कोड़ा, चरकु कोड़ा, सुरेन कोड़ा, कृष्णनंदन कोड़, सिंघो कोड़ा, जमील कोड़ा ने बताया कि आर्थिक स्थिति कमजोर रहने के कारण हमलोग अपने मवेशियों को चराने के लिए स्थानीय पहाड़ पर ले जाते हैं. शुक्रवार की शाम को पहाड़ से आने के बाद अचानक करीब आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की तबीयत बिगड़ गयी. शनिवार को जमील कोड़ा का एक गाय तथा रविवार को सिंघो कोड़ा एवं कृष्णा मूर्मू की एक-एक गाय मर गयी. जबकि आधा दर्जन से अधिक गाय गंभीर रूप से बीमार है. गाय जब गोबर करती है उसके साथ अधिक मात्रा में खून भी आता है. पशु चिकित्सालय में पदस्थापित चिकित्सक को जब इसकी सूचना दी गयी तो उन्होंने रविवार को डायरोक नामक दवा भिजवा दिया, लेकिन गाय को देखने गांव नहीं आये. पशुपालकों का मानना है कि पहाड़ पर किसी जहरीला पत्ता का सेवन करने से गायों की तबीयत खराब हुई है. जब सोमवार तक सरकारी पशु चिकित्सक गांव गाय का इलाज नहीं करने आये तो पशुपालक गाय की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए बंगलवा के एक निजी क्लिनिक से दवा लाकर गाय को दिया.
कहते हैं पशु चिकित्सक
पशु चिकित्सक डॉ विजय कुमार भारती ने कहा कि रविवार को किसी के माध्यम से सराधी गांव में कुछ मवेशियों की अचानक तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली. सूचना मिलने के बाद संबंधित बीमार गायों के लिए कर्मी द्वारा दवा भिजवाया गया.
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