विश्वविद्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे अनुकंपा आश्रित
पिछले पांच सालों से अनुकंपा पर नियुक्ति की आस में बैठे एमयू के विभिन्न कॉलेजों में अपने कार्यकाल के दौरान मरने वाले कर्मियों के आश्रित विश्वविद्यालय के आश्वासन से परेशान होकर सोमवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये हैं.
मुंगेर. पिछले पांच सालों से अनुकंपा पर नियुक्ति की आस में बैठे एमयू के विभिन्न कॉलेजों में अपने कार्यकाल के दौरान मरने वाले कर्मियों के आश्रित विश्वविद्यालय के आश्वासन से परेशान होकर सोमवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये हैं. विश्वविद्यालय के समक्ष धरने पर बैठे अनुकंपा आश्रित विश्वविद्यालय प्रशासन पर संवेदनहीनता तथा दूषित कार्यप्रणाली का आरोप लगा रहे. धरना पर बैठे देव कुमार रावत, बबलू साह, अमित कुमार, श्रीराम चौधरी, अमिता कुमार, मुकेश कुमार, मु. परवेज, बबीता भारती, अंजू कुमारी, नीतीश कुमार आदि ने बताया कि उनलोगों ने वर्ष 2019 में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को आवेदन दिया था. इन पांच वर्षों में सैकड़ों बार हमलोग विश्वविद्यालय का चक्कर लगा चुके हैं. हर बार कुछ न कुछ बहाना बना हमलोगों को लौटा दिया जाता है. 2022 में महज छह आवेदकों को ही नियुक्ति दी गयी. जबकि शेष आवेदकों के साथ छल किया गया. सूचना मिली है कि अब तक हमलोगों की नियुक्ति से संबंधित फाइल कई बार कुलसचिव कार्यालय से कुलपति का कार्यालय का चक्कर लगा चुकी है. इसके बावजूद न जाने अब तक किस गुप्त कारणों अथवा हितों के कारण हमलोगों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है. इससे आहत होकर ही हमलोग दो माह में दूसरी बार अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. इधर कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने कहा कि स्क्रीनिंग के दौरान कई आवेदन स्वीकार नहीं किये गये. कुछ तकनीकी कारणों से इसमें विलंब हो रहा है. इसको लेकर कुलपति के साथ बैठक भी हुई थी. आवेदकों को एक सप्ताह का समय दिया गया है. इस बीच संबंधित कालेजों के प्राचार्यों को भी पत्र लिखा गया है. नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा.
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