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राखी के कारोबार पर कोरोना का कहर, पूंजी फंसने की संभावना

राखी के कारोबार पर कोरोना का कहर, पूंजी फंसने की संभावना

मुंगेर. कोरोना वायरस की मार इस साल त्योहारी कारोबार पर भी पड़ रहा है. जिसकी चपेट में रक्षाबंधन त्योहार भी आ गया है. बहनें बाहर रहने वाले अपने भाई के लिए एक पखवारे पूर्व से ही राखी की खरीदारी करती थी और उसे डाक व कुरियर के माध्यम से भेजती थी. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण राखी का कारोबार भी मंदा हो गया है.

रक्षाबंधन 3 अगस्त को है. जिसमें अब मात्र 15 दिन बचे हैं. जुलाई के पहली तारीख से ही इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों ने फुटपाथ पर राखी की दुकान लगाना शुरू कर दिया. बेहतरीन अंदाज में दुकान को तैयार कर राखी बिक्री के लिए रखा गया. कुछ हद तक खरीदारी भी शुरू हुआ. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के कारण उपभोक्ताओं की भीड़ कम रही. इधर जिले में 10 जुलाई से लॉकडाउन लगा दिया गया. जिसके बाद राखी का कारोबार ठप हो गया.

कारोबारियों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन 16 जुलाई को खत्म होगा तो राखी का कारोबार रफ्तार पकड़ेगी. लेकिन इसी बीच राज्य सरकार ने 16 जुलाई से 31 जुलाई तक पूरे राज्य में लॉकडाउन की घोषणा कर दी. जिसके कारण कारोबारियों को अपना राखी का कारोबार समेटा पड़ गया. गांधी चौक से एक नंबर ट्रैफिक तक राखी के एक दर्जन से अधिक स्टॉल बनाया गया. लेकिन दुकान में लॉकडाउन के कारण राखी नहीं दिखाई पड़ रही और स्टॉल खाली-खाली है.

माना जा रहा है कि मुंगेर बाजार में हर वर्ष 50 लाख से अधिक का कारोबार राखी का होता था. मगर इस बार राखी बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. कारोबारी बताते है कि राखियों के नये डिजायन नहीं है और पिछले साल की तुलना में दामों में भी बढ़ोतरी है. इस साल बाजार में राखी का बहुत ज्यादा स्टॉक नहीं है. इसका कारण कोरोना है. रक्षाबंधन से तीन-चार माह पहले ही राखी का स्टॉक तैयार करवाया जाता है. बाहर से स्टॉक मंगाया जाता है. मगर इस साल मार्च में लॉकडाउन लग गया. जिसके कारण राखी के पुराने स्टॉक को बाजार में उतारा गया है.

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