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गरीबों के निवाले पर लगा डीलरों की हड़ताल का ताला

राशन नहीं मिलने से भूखे पेट सोने को मजबूर गरीब

-राशन नहीं मिलने से भूखे पेट सोने को मजबूर गरीब

-एक फरवरी है डीलरों की चल रही हड़ताल, जिले में मात्र 3.40 प्रतिशत ही राशन का हो सका वितरण

मुंगेर. एक फरवरी से जारी जन वितरण प्रणाली दुकानदारों की हड़ताल का असर अब जिले के गरीबों पर पड़ने लगा है. एक और जहां सरकारी अनाज नहीं मिलने के कारण गरीब परिवार कर्ज लेकर अथवा उधार के राशन पर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी परिवार है जिनके घरों में एक समय का चुल्ला ही बंद रहता है और पूरे परिवार के समक्ष भूखे रहने की विवशता आन पड़ी है. गरीबों की बेबसी पर न तो सरकार का ध्यान है और न ही आठ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर गये डीलरों का ही दिल पसीज रहा है. जिसके कारण गरीब परिवार सरकारी राशन के अभाव में दाने-दाने को मोहताज हो गये है.

जिले में मात्र 3.40 प्रतिशत ही गरीबों के बीच अनाज का हो पाया है वितरण

जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं की हड़ताल से राज्य सरकार पर भले ही कोई असर न हो, लेकिन गरी जरूर प्रभावित हो रहे हैं. खास कर वैसे उपभोक्ताओं के समक्ष बड़ी परेशानी है, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण राशन की दुकान से मिलने वाले राशन पर निर्भर रहते हैं. जिले में आधार लिंक 2 लाख 37 हजार 980 राशनकार्डधारी है. जिनको 698 जनवितरण प्रणाली विक्रेता सरकार से मिलने वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है. लेकिन जिले के सभी डीलर राज्यव्यापी अह्वान पर हड़ताल पर चले गये है. इसके कारण वे गरीबों को राशन उपलब्ध नहीं करा रहा हैं. प्रशासनिक दबाव में डीलरों ने अनाज का उठाव तो कर लिया है, लेकिन उसे गोदाम में बंद कर रखा है. लेकिन प्रशासनिक दबाव में कुछ प्रखंडों में कुछ डीलरों ने चोरी-छिपे अनाज का वितरण किया है. जिसका प्रतिशत मात्र 3.40 है. विदित हो कि राशन कार्ड में परिवार के जिन सदस्यों का नाम जुड़ा है. उनको प्रति सदस्य पांच किलो मुफ्त अनाज मिलता है, जिसमें तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं मिलता है.

मांग पूरी नहीं होने तक जारी रहेगी हड़ताल

आठ सूत्री मांगों को लेकर जिले के सभी 698 जनवितरण प्रणाली विक्रेता हड़ताल पर डटे हुए है. जिन आठ सूत्री मांगों को लेकर डीलर हड़ताल पर है उसमें डीलरों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, मासिक वेतन 30,000 रुपये निर्धारित करने, अनुकम्पा में आयु सीमा समाप्त करने, सरकारी कर्मचारियों की तरह साप्ताहिक छुट्टी देने, डीलरों के लिए आवास, बिजली, पानी, स्टेशनरी आदि की सुविधाएं मुहैया कराने, डीलरों के परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य बीमा देने और डीलरों के बच्चों को शिक्षा में छूट देने, फोर जी पॉश मशीन बदलकर नये फाइव जी पॉश मशीन उपलब्ध कराने की मांग शामिल है.

दाने-दाने को मोहताज है गरीब

मुंगेर. टेटियाबंबर प्रखंड के भुना पंचायत के जगतपुरा मांझी टोला गांव निवासी कार्डधारी सिरोमनी देवी और उसका पति प्रभु मांझी ने बताया कि पीडीएस दुकान से ज्यादातर लाभुक गरीब तबके के लोग जुड़े हुए है. जिनके लिए बाजार से राशन खरीदना काफी दूभर होता है. मजदूरी करते हैं तो 300 मिलता है. उनकी इतनी कमाई नहीं होती है कि वो परिवार के एक माह का राशन बाजार से खरीद सके. सरकारी राशन मिलता है तो काम चल जाता है. उसके परिवार में छह लोग है. डीलर के यहां राशन लाने गये तो कहता है कि हमलोग हड़ताल पर है. राशन कैसे देंगे. आलू खेत में काम करने पर जो मजदूरी मिलती है, उसी से किसी तरह परिवार का भरण पोषण हो रहा है.

बिहार सरकार के पोर्टल पर जारी रिपोर्ट

प्रखंड दुकान की संख्या कार्डधारी की संख्या प्रतिशत में राशन वितरण

असरगंज 34 15682 1.35 प्रतिशत

बरियारपुर 49 21142 1.16 प्रतिशत

धरहरा 63 23856 16.69 प्रतिशत

जमालपुर 109 27459 3.16 प्रतिशत

खड़गपुर 106 39060 4.02 प्रतिशत

मुंगेर 204 54833 1.29 प्रतिशत

संग्रामपुर 43 20122 0.92 प्रतिशत

तारापुर 50 21456 0.03 प्रतिशत

टेटियाबंबर 40 14370 2.25 प्रतिशत

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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