मुंगेर. एक ओर मुंगेर स्वास्थ्य विभाग सुरक्षित प्रसव में बेहतर प्रदर्शन का दावा करता है. वहीं सदर अस्पताल में बुधवार को प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी.इसके बाद जहां परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. वहीं दोनों की मौत को लेकर जो बातें सामने आयी. वह खुद प्रत्येक माह जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित मातृत्व को लेकर संचालित एएनसी जांच पर बड़े प्रश्नचिह्न लगाती है. मृतक प्रसूता का पूरे 9 माह के गर्भकाल के दौरान एक भी एएनसी जांच नहीं करायी गयी थी. जबकि संबंधित क्षेत्र की आशा की जिम्मेदारी प्रत्येक गर्भवती को एएनसी जांच शिविर में लाने की है.
11.20 बजे प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की हो गयी मौत
दशरथपुर बोरना निवासी मनोहर मांझी की 32 वर्षीय पत्नी उषा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन बुधवार की सुबह धरहरा पीएचसी ले गये. जहां से गर्भवती उषा देवी को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. इसके बाद परिजनों द्वारा सुबह 8.40 बजे उषा देवी को सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में एडमिट कराया गया. यहां सुबह 9.08 बजे उषा देवी की नार्मल डिलिवरी हुई. इस दौरान मृत बच्ची पैदा हुई. प्रसव के बाद उषा देवी की स्थिति सामान्य होने पर उसे लेबर रूम से प्रसव वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन करीब डेढ़ घंटे बाद उषा देवी का शरीर अचानक शिथिल पड़ गया. परिजनों ने चिकित्सक को इसकी जानकारी दी. इसके बाद डॉ अर्चना वहां पहुंची, जहां प्रसूता को आवश्यक दवा एंटीबायोटिक, डेरीफाइलिन, डेक्सोना सहित अन्य दवा देकर उपचार किया गया, लेकिन प्रसूता की भी मौत हो गयी.गर्भवती की नहीं हुई थी एक भी एएनसी जांच
प्रसव वार्ड की इंचार्ज नर्स ने बताया कि प्रसव पीड़ा से कराह रही उषा देवी को परिजनों ने सुबह 8.40 बजे प्रसव वार्ड में भर्ती कराया. उसे चौथा बच्चा होने वाला था. लेकिन प्रसव पूर्व होने वाले चार एएनसी जांच में से उसकी एक भी एएनसी जांच नहीं करायी गयी थी. सुबह ड्यूटी पर मौजूद डाॅ अलका और स्टाफ नर्स प्रीति प्रिया की मौजूदगी में महिला की नार्मल डिलिवरी करायी गयी. प्रसव के समय पीपीएच या ब्लीडिंग की कोई समस्या नहीं हुई. लेकिन नार्मल डिलिवरी के दौरान मृत बच्ची पैदा हुई. स्टील बर्थ के बाद उषा देवी की स्थिति सामान्य रहने पर उसे प्रसव वार्ड भेज दिया गया, लेकिन डेढ़ घंटा बाद अचानक उसकी स्थिति गंभीर हो गयी.कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ रमण कुमार ने बताया कि महिला की नार्मल डिलिवरी हुई. डिलिवरी के दौरान मृत बच्चा पैदा हुआ था. डिलिवरी के बाद महिला की स्थिति सामान्य थी. करीब डेढ़ घंटा बाद अचानक महिला गैसपीन में चली गयी. मौत का कारण सेप्टेसिमिया अथवा परमोलरी एम्बालिजम (ब्लड क्लॉट) हो सकता है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व चार एएनसी जांच कराये जाने का दायित्व आशा व एएनएम का है. मृत गर्भवती महिला की एक भी एएनसी जांच नहीं करायी गयी थी. इसके लिए उस क्षेत्र की आशा व एएनएम की पहचान कर दोनों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
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