मुंगेर. लाखों रुपये बिजली बिल बकाया रखने वाले उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन काटना विद्युत विभाग के लिए परेशानी बन गयी है. जब भी विभागीय कर्मी जाते हैं तो दबंग उपभोक्ता भगा दे रहा है. इस कारण विद्युत विभाग अपना बकाया राशि वसूलना तो दूर कनेक्शन तक नहीं काट पा रही है. अब विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मुंगेर के विद्युत कार्यपालक अभियंता ने पुलिस बल सहित दंडाधिकारी नियुक्त करने को लेकर एसडीओ सदर को पत्र लिख कर मदद मांगा है, ताकि दो बड़े बकायेदारों का विद्युत विच्छेदन किया जा सके.
एसडीओ को लिखे पत्र में उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम मुंगेर और विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल जमालपुर के सहायक विद्युत अभियंता के पत्र का जिक्र किया गया है. पत्र में कार्यपालक अभियंता ने कहा है कि जिले के दो विद्युत उपभोक्ता ऐसे हैं जो विगत कई वर्षो से विद्युत का उपभोग कर रहे, परंतु बकाया विद्युत विपत्र जमा नहीं कर रहे हैं और न ही विभागीय पदाधिकारियों को विद्युत विच्छेदन करने दे रहे. पत्र में जिन दो उपभोक्ताओं का जिक्र किया है उसमें बड़ी आशिकपुर जमालपुर स्थित पीएसएस हॉस्पिटल संचालक संतोष कुमार सिंह है. जिस पर सितंबर तक 5 लाख 55 हजार 901 रुपये बकाया है, जबकि दूसरा बस स्टैंड मुंगेर स्थित मेसर्स टॉयलेट एंड टॉयलेट के प्रोपराइटर केडी सिंह है. जिस पर 1 लाख 20 हजार 849 रुपया बकाया है. ईई ने एसडीओ से आग्रह किया है कि पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी उपलब्ध कराया जाये. ताकि उक्त दोनों उपभोक्ताओं का शांतिपूर्वक विद्युत विच्छेदन की कार्रवाई करते हुए बकाया राजस्व की राशि की वसूली करायी जा सके.कहते हैं विद्युत कार्यपालक अभियंता
मुंगेर के विद्युत कार्यपालक अभियंता पंकज कुमार ने कहा कि जमालपुर के पीएसएस हॉस्पिटल व मुंगेर के मेसर्स टॉयलेट एवं टॉयलेट के प्रोपराइटर द्वारा न तो बकाया बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है और न ही विद्युत विच्छेदन की कार्रवाई करने दी जा रही है. इस मामले में एसडीओ से दंडाधिकारी व पुलिस बल उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है. ताकि विद्युत विच्छेदन की कार्रवाई की जा सके.————————————
विपत्रीकरण में सहयोग नहीं कर रहा पीएसएस हॉस्पिटल
मुंगेर. विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल जमालपुर के सहायक अभियंता ने पीएसएस हॉस्पिटल के संचालक को पत्र भेज कर कहा है कि वे विद्युत विपत्रीकरण में सहयोग करें. उन्होंने कहा है कि बकाये विद्युत विपत्र को लेकर जो उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम मुंगेर में परिवाद लाया गया था. उसके आदेश के आलोक में 7 जनवरी 2025 को ईडीएफ टीम द्वारा आपके परिसर में स्थापित मीटर की जांच कर मीटर में अंकित मान पठन पर विपत्रीकरण करने व मीटर रिप्लेश करने का प्रयास किया गया. किंतु इस संदर्भ में आपके प्रतिनिधि ने मीटर में अंकित मान पठन नहीं लेने दिया और न ही मीटर रिप्लेस करने में सहयोग किया.
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