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अधिकारियों के प्रभार में उलझ गया नगर पंचायत का विकास

प्रभार में उलझ गया नगर पंचायत का विकास

नगर सरकार के डेढ़ साल हुए पूरे, नहीं जुड़ पायी एक भी ईंटें फोटो संख्या : फोटो कैप्शन : 11. नवगठित नगर पंचायत संग्रामपुर प्रतिनिधि, संग्रामपुर नवगठित नगर पंचायत संग्रामपुर के गठन हुए लगभग डेढ़ साल हो गये. लेकिन नगर पंचायत क्षेत्र में एक भी विकास कार्य प्रारंभ नहीं हुआ. विडंबना यह है कि नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी का स्थायी प्रभार किसी को नहीं मिला और पिछले डेढ साल के दौरान प्रभार बदलता रहा. इससे भी विकास कार्य बाधित हुआ है और नगर पंचायत के लोग अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं और पंचायत वाली सुविधा को बेहतर बता रहे हैं. अधिकारियों के प्रभार में उलझ गया नगर पंचायत का विकास मालूम हो कि पूर्व में संग्रामपुर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में खड़गपुर के कार्यपालक पदाधिकारी सूर्यानंद सिंह को प्रतिनियुक्त किया गया था. लेकिन कुछ दिनों बाद सूर्यानंद सिंह को संग्रामपुर के प्रभार से मुक्त कर बीडीओ संग्रामपुर को प्रभार सौंपा गया. फिर कुछ महीने बाद पुनः सूर्यानंद सिंह को प्रभार सौंपा गया. इसी बीच किसी कारण बस सूर्यानंद सिंह अवकाश पर चले गये और फिर नगर पंचायत संग्रामपुर का कार्यभार बीडीओ को सौंप दिया गया. इस प्रकार अधिकारियों के स्थायी प्रभार नहीं मिलने एवं लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लग जाने से नगर पंचायत के विकास की कोई भी रूपरेखा तैयार नहीं हुई और आजतक विकास का कोई कार्य नहीं हो पाया. बीडीओ के स्थानांतरण की खबर सुन फिर अटक सकता है विकास कार्य आचार संहिता खत्म होने के बाद विभागीय पदाधिकारी एवं नवनिर्वाचित प्रतिनिधि हरकत में आए और अपने-अपने क्षेत्र के जनहित में होने वाले कार्य का ब्योरा बीडीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी अजेश कुमार को सौंपा. जिससे लोगों में उम्मीद जगी कि अब विकास की झलकियां दिखाई देगी. लेकिन पिछले दो दिनों से बीडीओ के स्थानांतरण की खबर सुनने को मिल रही है और लोगों में चर्चा है कि अगर नगर पंचायत का कार्यपालक पदाधिकारी बदल जायेगा. जिससे विकास की गति पर एक बार फिर विराम लग जायेगा. विकास के नाम पर एक भी ईंट नहीं जोड़ा गया नगरवासी कृष्णदेव साह, अनिल भारती, मनोज भगत, नरेश दास, पवन पासवान, विपिन बिहारी सिंह की मानें तो पहले ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में तब्दील होने के बाद लगभग एक वर्ष तक विकास कार्य को रोक दिया गया. अब नगर सरकार के डेढ़ वर्ष बीतने वाले हैं और विकास के नाम पर एक ईंट तक नहीं जोड़ा गया जो चिंता का विषय है. वहीं नवनिर्वाचित वार्ड पार्षद सरोजनी देवी, राजेश केसरी, कुमारी दीपिका ने कहा कि जनता ने हमें नगर पंचायत के विकास के लिए चुना है. हाल यह है कि अबतक विकास के नाम पर कोई कार्य नहीं हो पाया है और आमलोग नाली, गली व पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. नगर पंचायत का विकास सिर्फ साफ-सफाई तक ही सीमित रह गया है.

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