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बच्चों के मौत की तीसरी बड़ी वजह है डायरिया, बचाव को लेकर जागरूकता जरूरी

23 जुलाई से जिले में प्रारंभ किया गया दस्त रोकथाम अभियान

23 जुलाई से जिले में प्रारंभ किया गया दस्त रोकथाम अभियान मुंगेर विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार एक से 59 माह के बीच के बच्चों की मौत की तीसरी बड़ी वजह डायरिया है. जिससे बचाव के लिये जागरूकता सबसे जरूरी है. इसे लेकर 23 जुलाई से 22 सितंबर बीच दस्त रोकथाम अभियान चलाया जा रहा है. उक्त बातें मंगलवार को फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल सभागार में दस्त रोकथाम को लेकर आयोजित जिला स्तरीय कमिटी की बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने कही. उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री एवं अभियान के सफल आयोजन को लेकर दिशा-निर्देश राज्य स्वास्थ्य समिति पटना द्वारा जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि सालाना पांच वर्ष से कम उम्र के चार लाख से अधिक बच्चों की मौत डायरिया की वजह से होती है. सुरक्षित पेयजल और पर्याप्त साफ-सफाई से डायरिया को रोका जा सकता है. आशा द्वारा दस्त से ग्रसित बच्चों के उपचार के लिए जिंक टेबलेट, ओआरएस पैकेट नि:शुल्क दिया जाता है. डायरिया एक गंभीर रोग है. पांच वर्ष के उम्र से नीचे शिशुओं की मौत की एक बड़ी वजह डायरिया है. कार्यक्रम को लेकर सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर ओआरएस एवं ज़िंक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता रखने का निर्देश दिया है. साथ ही अभियान के अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण को लेकर सीएचओ /स्टाफ नर्स एवं सहयोगी संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा. मौके पर डीसीएम निखिल राज, सदर अस्पताल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार, डाॅ विजय कुमार, अस्पताल प्रबंधक मो. तौसिफ हसनैन सहित अन्य मौजूद थे.

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