प्रतिनिधि, हवेली खड़गपुर. विश्व रेबीज दिवस पर शनिवार को अनुमंडल मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय में शिविर का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ प्रभारी पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंजार कुरैशी ने श्वान को टीका लगाकर किया. बताया गया कि रेबीज एक ऐसी जुनोटिक बीमारी है, जिसका उपचार नहीं है. लेकिन इसे होने से रोका जा सकता है. डॉ अंजार ने कहा कि दुनियाभर में लगभग साठ हजार मौत प्रतिवर्ष रेबीज के कारण होती है. इसमें भारत का बहुत बड़ा हिस्सा है. इन मौतों को रोका जा सकता है. इसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है. आज मेडिकल साइंस की तरक्की से अधिसंख्य बीमारियों का उपचार संभव हो गया है. कुछ ही रोग ऐसे बचे हैं जो लाइलाज है. इनमें रेबीज का नाम प्रमुखता से आता है. इसलिए रेबीज से बचाव ही संभव है, उपचार कोई नहीं है. इस संबंध में विशेष रूप से गांवों में रहने वाले और पालतू पशुओं को पालने वालों के बीच में इसकी जागरूकता होना बहुत आवश्यक है और नियमित टीकाकरण कराना जरूरी है. शिविर में 50 पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया. जिसमें 31 पशुओं का टीकाकरण किया गया. मौके पर डॉ संजय कुमार एवं डॉ अमरनाथ गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे.
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