नये भारतीय आपराधिक कानून में सहज न्याय मिलना सुनिश्चित : प्रो. प्रभात

अनये भारतीय आपराधिक कानून में सहज न्याय मिलना सुनिश्चित : प्रो. प्रभात

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2025 6:24 PM

मुंगेर. विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान में शुक्रवार को विशेष कक्षा का आयोजन किया गया. जिसमें आरडी एंड डीजे कालेज के प्राचार्य प्रो. प्रभात कुमार ने विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व अपराध विधि के भारतीयकरण विषय पर विस्तृत जानकारी दी. प्रो. प्रभात कुमार ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद हमारे देश की न्याय व्यवस्था उपनिवेशकालीन कानून प्रणाली के अनुसार संचालित की जा रही थी. इस कानूनों का निर्माण देश के नागरिकों की आजादी को सीमित करने तथा उनपर शासन करने के लिए तैयार की गई थी. ऐसे में इन कानूनों के कारण लोगों को न्याय कम और प्रताड़ना का दंश अधिक झेलना पड़ रहा था. केंद्र सरकार ने वर्तमान समय की मांग तथा भारतीय व्यवस्था, संवैधानिक प्रविधान तथा लोक आकांक्षा को आधार मानते हुए भारतीय जनमानस से जुड़े नये भारतीय आपराधिक कानून को लागू किया. इससे लोगों को सहज न्याय मिलना सुनिश्चित किया गया. ऐसे में भारतीय दंड विधान, भारतीय दंड संहिता सहित साक्ष्य अधिनियम की वैसी धाराओं को समाप्त कर दिया, जिसका दुष्प्रभाव समाज पर पड़ता था. साथ ही उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को परिभाषित करते हुए कहा कि भारतीय संविधान आंशिक रूप से कठोर और आंशिक रूप से लचीला है. संविधान ने हमें अनुच्छेद 19 (क) के तहत जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है. वहीं अनुच्छेद 19 (ख) के तहत इस पर कुछ प्रतिबंध भी आरोपित किए हैं, ताकि लोग अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं कर सकें. प्राचार्य डा. राजेश कुमार मिश्रा ने कहा कि विधि का ज्ञान विधि के छात्रों को समाज में विधिक जागरूकता व न्याय के प्रति जागरूक करने में सहायक सिद्ध होता है. मौके पर डा. नीरज कुमार शुक्ला, डा. शैलेश कुमार मिश्रा, डा. जनार्दन यादव, डा. कुंदन कुमार साह, डा. आसीत कुमार सिंह, पवन कुमार झा, डा. शुभागम कुमार, हरिओम कुमार, राहुल राज आदि मौजूद थे.

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