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मुंगेर में 10 घंटे तक बिजली आपूर्ति रही ठप, शहर से गांव तक मचा रहा त्राहिमाम

मोबाइल तक डिस्चार्ज हो गया. मुंगेर शहर का व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित रहा.

तेज हवा व बारिश के कारण गहराया बिजली संकट, पानी की बूंद-बूंद को तरस गये लोग

कहीं 33 हजार तो कहीं 11 हजार विद्युत तार हुआ प्रभावित

प्रतिनिधि, मुंगेर

शुक्रवार की अहले सुबह तेज हवा व बारिश के कारण मुंगेर शहर व आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. लगभग 10 घंटे तक बिजली कटी रही. जिसके कारण शहर से लेकर गांव तक बिजली के लिए हाहाकार मच गया. हालात यह थी कि बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस गये. मोबाइल तक डिस्चार्ज हो गया. मुंगेर शहर का व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित रहा. शाम 3 बजे के बाद कुछ क्षेत्रों में बिजली आयी तो कुछ क्षेत्रों में शाम 6 बजे के बाद बिजली सुचारू हो गयी.

10 घंटे तक बिजली के लिए मचा रहा हाहाकार

तेज हवा व बारिश के कारण शहर से लेकर गांव तक विद्युत संकट गहरा गया. शुक्रवार की अहले सुबह तेज हवा के साथ बारिश हुई. जिसके कारण कई जगह पेड़ और पेड़ की टहनियां विद्युत तारों को अपनी चपेट में ले लिया. कहीं 33 हजार तो कहीं 11 हजार तार में फॉल्ट आ गयी. जबकि दर्जनों स्थानों पर शहर व गांवों में बिजली पहुंचाने वाली तारों में फॉल्ट आ गयी. कहीं पोल झुक गया तो कहीं तार टूट गया था. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सफियासराय से आने वाली 33 हजार वोल्ट का तार गौरीपुर के समीप प्रभावित हो गया था. जबकि चुआबाग और किला परिसर में एक दर्जन स्थानों पर 33 हजार व 11 हजार वोल्ड तार में फॉल्ट आ गयी. जिसके कारण कर्णचौड़ा पावर सब स्टेशन से निकले टाउन फीडर, अस्पताल फीडर, सोझीघाट फीडर, कस्तूरबा फीडर सहित अन्य फीडरों में बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. लालदरवाजा एवं नंदलालपुर सब ग्रिड से भी बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप रही. शुक्रवार की सुबह 5 बजे से बिजली संकट उतपन्न हुआ. जिसे ठीक करने में बिजली विभाग को 10 से 12 घंटे लग गये. विद्युत विभाग की माने तो शुक्रवार के अपराह्न 2 बजे के बाद थोड़ी देर के लिए कुछ फीडरों में बिजली जरूर आयी. लेकिन कभी 5 मिनट तो कभी 10 मिनट ही बिजली रही. कुछ टाउन फीडर सहित कुछ फीडर में अपराह्न 4 बजे के बाद बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो कसी. कई क्षेत्रों में तो शाम 5 बजे के बाद भी विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी.

बूंद-बूंद पानी को तरस गये लोग

शहर से में विद्युत सप्लाई 10 घंटे तक बंद रही. इस कारण लोगों के इन्वर्टर भी बैठ गये. बिजली नहीं रहने के कारण पेयजल संकट भी गहरा गया. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गये. क्योंकि शुक्रवार की सुबह 5 बजे बिजली कटी थी. उस समय लोगों की नींद भी नहीं खुली. जब लोग जगे तो कुछ ही देर में टंकी का पानी खत्म हो गया. लोगों को लगा बारिश रूकेगी तो बिजली आयेंगी. लेकिन बिजली नहीं आयी. जिसके कारण लोगों का दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित रहा. खाना बनाने और नित्यक्रियाक्रम के लिए लोगों को इधर-उधर चापानलों से पानी लाना पड़ा. सक्षम लोग भाड़े पर जेनरेटर लेकर पानी की व्यवस्था की. इतना ही नहीं लोगों के मोबाइल तक बंद हो गये. क्योंकि इन्वर्टर खत्म होने के कारण वे मोबाइल तक चार्ज नहीं कर पाये.

केवल वायर पर गिरा तार का पेड़, ट्रांसफॉर्मर पोल झुका

शहर के कौड़ा मैदान कुशवाहा मार्केट में तार का पेड़ गिर गया. पेड़ बिजली ट्रांसफार्मर एवं बिजली के तार पर अटक गया है. जिसके कारण जिस पोल पर ट्रांसफॉर्मर लगा हुआ था. उसका एक पोल दूसरे पोल पर जाकर अटक गया. लेकिन शाम 5 बजे तक सूचना देने के बावजूद पेड़ को नहीं हटाया जा सका था. जिससे कभी भी कोई भी घटना हो सकती है. क्योंकि लोगों का आवागमन उसी रास्ते से जारी है.

व्यवसाय हुआ प्रभावित, अफसरों ने फोन भी किए बंद

लंबे समय तक बिजली बंद होने से लोग परेशान हो गये तो लोग विद्युत अफसरों को फोन करने लगे. स्थिति यह हुई कि अफसरों ने एक समय बाद फोन उठाना बंद कर दिया. विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल मुंगेर के सहायक विद्युत अभियंता का मोबाइल तो लगातार स्वीच ऑफ मिलता रहा. इतना ही नहीं कस्टमर केयर नंबर पर कभी कॉल जाता था तो कोई उठाता नहीं था, तो कभी कॉल बिजी ही बताता रहा. लोग जानकारी हासिल नहीं कर पा रहे थे कि आखिर बिजली कब आयेंगी. लोगों की बेचैनी और बढ़ गयी. इधर बिजली संकट उत्पन्न होने के कारण बिजली पर आधारित लघु व कुटिर उद्योग बंद रहा. जबकि दुकान व प्रतिष्ठान में बादल छाये रहने के कारण अंधेरा छाया रहा. कुछ दुकानदारों ने जेनरेटर के सहारे कारोबार संचालित किया. लेकिन ऑनलाइन कारोबार करने वालों का कारोबार पूरी तरह से ठप रहा.

कहते हैं कार्यपालक अभियंता

विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता पंकज कुमार ने बताया कि तेज हवा व बारिश के कारण कई जगह पेड़ की टहनी तारों पर गिर गयी थी. कुछ जगहों पर 33 व 11 केबीए लाइन में खराबी आ गयी थी. जिसे दुरूस्त करने में वक्त लगा. अपराह्न 2 बज के बाद अलग-अलग फीडरों में बिजली की आपूर्ति होने लगा था.

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मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने दिया सड़क पर उतरने की चेतावनी

मुंगेर : ध्वस्त हो गई बिजली आपूर्ति व्यवस्था को लेकर मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है. चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रवक्ता जय किशोर संतोष ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व ही चैंबर के शिष्टमंडल ने अध्यक्ष अशोक सितारिया, सचिव संतोष अग्रवाल और विद्युत उपसमिति के चेयरमैन विनोद पोद्दार के नेतृत्व में विद्युत आपूर्ति में हुई भारी कटौती पर अपना रोष जाहिर किया था. आज चैंबर के सचिव संतोष अग्रवाल, प्रवक्ता जय किशोर संतोष ने बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता संतोष कुमार और कार्यपालक अभियंता पंकज कुमार से दो टूक शब्दों में कहा कि मुंगेर को 22 घंटे बिजली की आपूर्ति चाहिए. आज बिजली विभाग पेड़ गिरने के कारणों का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है. जबकि पिछले कुछ महीनों से लगातार बिजली आपूर्ति में कटौती को लेकर मुंगेर की जनता त्राहिमाम कर रही है. विभाग के अधिकारियों की अकर्मण्यता के चलते यह स्थिति आ गई है. पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहता है. विद्युत विभाग के अधिकारियों ने चैंबर को आश्वस्त किया है कि मुंगेर की जनता को जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति में सुधार देखने को मिलेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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