मुंगेर के चुनाव में जातीय गोलबंदी रहा हावी, धानुक व मल्लाह वोटरों में हुआ बिखराव

धानुक व मल्लाह वोटरों में हुआ बिखराव

By Prabhat Khabar News Desk | May 14, 2024 10:44 PM

राणा गौरी शंकर/मुंगेर. चौथे चरण का मतदान सोमवार को मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में संपन्न हो गया. इस चुनाव में जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह व राजद के कुमारी अनिता के बीच मुकाबला है. निवर्तमान सांसद ललन सिंह का जहां लंबा राजनीतिक सफर रहा है और वे मुंगेर से दो बार सांसद रहे तथा राज्य सरकार में मंत्री भी रहे. वहीं रेलवे की नौकरी छोड़कर पहली बार चुनाव मैदान में उतरी कुमारी अनिता ने उन्हें चुनौती दी है. वे राज्य के बाहुबली अशोक महतो की नवविवाहिता पत्नी है. चुनाव लड़ाने के लिये ही अशोक महतो ने उसने शादी की है. वे भले ही राजनीतिक पृष्टभूमि से नहीं आती है, लेकिन जातीय राजनीति ने इस चुनाव में स्थिति को संघर्ष में ला दिया. मुंगेर के चुनाव में जहां सवर्ण, दलित के साथ ही भाजपा के कोर वोटर जदयू के पक्ष में एकजुट दिखे. चुनाव में जातीय गोलबंदी ऐसी रही कि जहां जिस जाति का प्रभाव रहा वहां उस जाति ने वोटिंग प्रतिशत को बढ़ने में जी-जान लगा दिया. वैसे नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार का फैक्टर भी मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया. मोदी के अनाज के साथ ही कल्याणकारी योजनाएं व नीतीश कुमार के विकास को जहां वोटरों ने ठप्पा लगाया. वहीं कथित जंगलराज को नकारा. लोग केंद्र में एक सशक्त सरकार के पक्ष में दिखे. धानुक व मल्लाह वोटरों में रहा बिखराव. राजद प्रत्याशी के साथ एम-वाई अर्थात मुस्लिम व यादव पूरी तरह एकजुट रहा. वहीं जदयू के कोर वोट रहे अतिपिछड़ा के धानुक व मल्लाह वोटरों में बिखराव रहा. कुमारी अनिता धानुक समाज से ही आती हैं और वे जदयू के कोर वोट बैंक में सेंधमारी करने में सफल रही. वैसे मुकाबला संघर्षपूर्ण होने के बाद भी मुंगेर में एनडीए का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. मुंगेर संसदीय क्षेत्र वर्ष 2009 से लगातार एनडीए के कब्जे में रहा है और महागठबंधन के घटक राजद व कांग्रेस के लाख प्रयास के बावजूद अबतक इस सीट पर वह अपनी जीत दर्ज नहीं करा पायी है. वैसे अब सबों की नजर 4 जून की मतगणना पर टिकी है.

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