Munger news : मुंगेर विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार देना बनेगी चुनौती
प्रभारी कुलपति को नहीं है नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार, सेलेक्शन कमेटी का गठन मुसीबत
मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय के 17 अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत 109 अतिथि शिक्षकों के 11 माह का सेवाकाल 19 दिसंबर को समाप्त हो चुका है. जिन्हें सेवा विस्तार देना एमयू के लिए चुनौती होगी, क्योंकि एमयू के प्रभारी कुलपति के पास अबतक नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. ऐसे में विश्वविद्यालय के लिए सेलेक्शन कमेटी का गठन करना सबसे बड़ी मुसीबत है.
19 दिसंबर को समाप्त हो चुका है अतिथि शिक्षकों का सेवाकाल
एमयू द्वारा अपने 17 अंगीभूत कॉलेजों के लिए 20 जनवरी 2023 को 117 अतिथि शिक्षकों को 11 माह का सेवा विस्तार दिया गया था. इसमें निर्धारित तिथि तक 109 अतिथि शिक्षकों ने योगदान दिया, जिनके 11 माह का सेवाकाल 19 दिसंबर 2024 को समाप्त हो गया. हलांकि योगदान देने वाले 109 अतिथि शिक्षकों में वर्तमान में 17 अंगीभूत कॉलेजों में लगभग 100 अतिथि शिक्षक ही कार्यरत हैं. अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार उनके कार्यरत कॉलेज द्वारा दिये गये सीसीआर अर्थात अतिथि शिक्षकों के पिछले 11 माह के कार्यकाल के आचरण रिर्पोट के आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा दिया जाता है. वहीं एमयू प्रशासन द्वारा अतिथि शिक्षकों को 11 माह का सेवा विस्तार देने के लिये कॉलेजों से दिसंबर माह में ही सीसीआर रिर्पोट मांगा गया था, जिसे कॉलेजों द्वारा भेज भी दिया गया है.
सेलेक्शन कमेटी का गठन बनी परेशानी
एमयू का संचालन अगस्त 2024 से ही प्रभारी कुलपति के भरोसे हो रहा है. जिनके पास अबतक नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. ऐसे में अब एमयू के लिए अपने अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार देने को लेकर सेलेक्शन कमेटी का गठन सबसे बड़ी मुसीबत होगी, क्योंकि इसके लिये विश्वविद्यालय को राजभवन से अनुमति लेनी होगी. हालांकि एमयू द्वारा अगस्त 2024 के बाद से कई मामलों पर राजभवन से स्वीकृति मांगी गयी है. जिसके लिये राजभवन से स्वीकृति नहीं मिली है.
कहते हैं डिप्टी रजिस्ट्रार
डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ अंशु कुमार राय ने बताया कि कॉलेजों से अतिथि शिक्षकों का सीसीआर रिर्पोट मांगा गया था. जिसे कॉलेजों द्वारा भेज दिया गया है. वहीं अब सेलेक्शन कमेटी के लिए कुलपति से चर्चा की जायेगी. जिसके बाद इसे लेकर निर्णय लिया जायेगा.
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