जालसाजी : रिटायर्ड आईएएस व पीएम सुरक्षा में तैनात एसपीजी के जमीन का मुंगेर निबंधन कार्यालय में हुआ फर्जी रजिस्ट्री

रजिस्ट्री ऑफिस एवं भू-माफियाओं के गठजोड़ ने व्यवस्था को तार-तार कर रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2025 6:36 PM

सावधान ! मुंगेर निबंधन कार्यालय में दूसरे की जमीन को दूसरा कर रहा रजिस्ट्री

मुंगेर

मुंगेर निबंधन कार्यालय में एक बड़े जालसाजी का मामला सामने आया है. जिसमें कर्मियों की मिलीभगत से दूसरे के जमीन का दूसरे द्वारा रजिस्ट्री किया जा रहा है. इस फर्जीबाड़े को लेकर एक ओर जहां रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रेम कुमार झा ने अपने पुश्तैनी जमीन को दूसरे द्वारा केवाला कराने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी है. वहीं दूसरी प्रधानमंत्री सुरक्षा में तैनात एसपीजी जवान निर्मल कुमार के जमीन को भी दूसरे व्यक्ति ने दूसरे को बेच दिया. दोनों ही मामले में कोतवाली थाना में प्राथमिकी तो दर्ज की गयी है. लेकिन इस प्रकार के गंभीर जालसाजी को लेकर जिला निबंधन कार्यालय अपना पल्ला झाड़ रहा है.

जमीन के निबंधन को फूल फ्रूप बनाने के लिए भले ही सरकार हर स्तर पर व्यवस्था को सुदृढ करने में लगी है. लेकिन दूसरी ओर रजिस्ट्री ऑफिस एवं भू-माफियाओं के गठजोड़ ने व्यवस्था को तार-तार कर रहा है. मुंगेर में जो ताजा मामला सामने आया है उससे भू-स्वामियों को चिंता बढ़ गयी है. क्योंकि जिस प्रकार एक सेवानिवृत आईएएस अधिकारी और प्रधानमंत्री सुरक्षा में तैनात एसपीजी जवान के जमीन को फर्जी तरीके से मुंगेर निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री किया गया है. उससे एक बड़े फर्जीबाड़ा का मामला सामने आ रहा है. जानकार बताते है कि यदि गहन रूप से ऐसे मामलों की जांच हो तो दर्जनों मामले सामने आ सकते हैं. जिसमें जमीन किसी और का, बेच दिया किसी और ने.

रिटायर्ड आईएएस के पुश्तैनी जमीन को दूसरे ने बेचा

भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी प्रेम कुमार झा खगड़िया जिले के गोगरी सिरनिया के रहने वाले है. उनका पुश्तैनी जमीन पुर्वज स्व. जगदीश मिश्रा के नाम से मुंगेर जिले के बरियारपुर अंचल के हरिणमार मौजा में है. उनके पुश्तैनी जमीन को मुंगेर निबंधन कार्यालय में किसी पंकज कुमार नामक व्यक्ति ने हरिणमार के ही हंसु मंडल टोला निवासी बहादुर यादव एवं विलास रजक को केवाला कर दिया. संबंधित केवाला के डीड के अनुसार विक्रेता पंकज कुमार खगड़िया के चौथम थाना अंतर्गत मलपा धाटोली का रहने वाला है. जबकि प्रेम कुमार मिश्रा के अनुसार पंकज उसके पारिवारिक वंशावली में भी शामिल नहीं है और उसने गलत तरीके से जाली कागजात के आधार पर दूसरे को जमीन का केवाला कर दिया. जबकि लगभग 100 वर्षों से उनके पुर्वज व उनके कब्जा में है. फर्जी तरीके से जमीन लेने के बाद अब कथित क्रेता जमीन पर भूमि विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहा है. प्रेम कुमार झा के आवेदन के आधार पर कोतवाली थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है.

पीएम सुरक्षा में तैनात निर्मल के जमीन का भी हुआ फर्जी केवाला

मुंगेर निबंधन कार्यालय के फर्जी केवाला के मामले में एक ओर कड़ी उस समय जुड़ गया जब पीएम सुरक्षा में तैनात एसपीजी जवान निर्मल कुमार ने कोतवाली थाना में अपने जमीन को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने का प्राथमिकी दर्ज कराया है. निर्मल कुमार मुंगेर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बोचाही गांव का रहने वाला है और उसका एक भाई छत्तीगढ़ में आईटीबीपी का जवान है. दोनों भाई देश की सुरक्षा में लगा है और इधर जालसाजों ने उसके सपनों की जमीन को फर्जी तरीके से मुंगेर रजिस्ट्री ऑफिस में दूसरे को बेच डाला. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दोनों भाई ने मिलकर जमालपुर शहर के दौलतपुर में 28 जनवरी 2021 को एक जमीन खरीदा था. जिसका जमाबंदी भी करवाया और कब्जा भी उन्हीं का है. लेकिन इधर जब वह अपने जमीन पर पहुंचा तो गुलशन कुमारी नाम की एक महिला जमीन पर अपनी दावेदारी बताने लगी. इस मामले को लेकर जब निर्मल कुमार निबंधन कार्यालय से पड़ताल किया तो पता चला कि गुलशन कुमारी, पति अशोक साह ने किसी दूसरे को मुझे व मेरे भाई अमरजीत कुमार के स्थान पर निबंधन कार्यालय में खड़ा कर जालसाजी के माध्यम से केवाला करवा लिया है. जबकि न तो उस केवाला में मेरा व न ही मेरे भाई का हस्ताक्षर है और न ही उन दोनों का फोटो सही है. यहां तक कि उंगलियों के निशान, वोटर कार्ड तथा मोबाइल नंबर तक गलत इस्तेमाल किया गया है.

कहते हैं कोतवाल

कोतवाली थानाध्यक्ष राजीव तिवारी ने बताया कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रेम कुमार मिश्रा और पीएम सुरक्षा में तैनात एसपीजी जवान निर्मल कुमार के आवेदन पर कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. जिसकी छानबीन पुलिस द्वारा की जा रही है.

कहते हैं अवर निबंधक पदाधिकारी

अवर निबंधक पदाधिकारी वैद्यनाथ सिंह ने कहा कि इस तरह का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. मामला संज्ञान में आने के बाद जांच की जायेगी. वैसे इस तरह का मामला सिविल कोर्ट द्वारा देखा जाता है.

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