– परिवार नियोजन में पूरी तरह पिछड़ रहा मुंगेर स्वास्थ्य विभाग, दो चिकित्सकों के भरोसे कार्यक्रम- वित्तीय वर्ष 2024-25 में अबतक के तीन पखवाड़े में हुआ मात्र 1,307 बंध्याकरण और मात्र 35 नसबंदी
मुंगेरसरकार बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने को लेकर परिवार नियोजन कार्यक्रम पर हर साल लाखों रूपये खर्च करती है. जबकि इसके लिये एक वित्तीय वर्ष में चार परिवार नियोजन पखवाड़ा भी आयोजित किया जाता है, लेकिन मुंगेर में परिवार नियोजन कार्यक्रम मात्र दो चिकित्सकों के भरोसे ही चल रहा है. जिसके कारण मुंगेर स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन कार्यक्रम में पूरी तरह पिछड़ गया है. हाल यह है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अबतक हुये तीन परिवार नियोजन पखवाड़ा में जहां 1,307 महिलाओं का बंध्याकरण हो पाया है. वहीं मात्र 35 पुरूष नसबंदी ही स्वास्थ्य विभाग कर पाया है. जो मुंगेर जिले के लक्ष्य से काफी दूर है. ऐसे में अब मार्च माह में वित्तीय वर्ष का अंतिम परिवार नियोजन पखवाड़ा होना है. जिसमें चिकित्सकों की कमी परेशानी को बढ़ायेगी.
लक्ष्य से पूरी तरह दूर हुआ मुंगेर स्वास्थ्य विभाग
परिवार नियोजन कार्यक्रम में मुंगेर जिला अपने लक्ष्य से पूरी तरह भटक चुका है. हाल यह है कि अबतक के तीन परिवार नियोजन पखवाड़ा में मुंगेर जिला को जहां बंध्याकरण के लिये 3 हजार का लक्ष्य था. वहीं पुरूष नसबंदी के लिये लगभग 300 का लक्ष्य था, लेकिन मुंगेर स्वास्थ्य विभाग जहां अबतक के तीन परिवार नियोजन पखवाड़ा में बंध्याकरण के 3 हजार के लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 1,307 महिलाओं का ही बंध्याकरण ऑपरेशन कर पाया है. वहीं नसबंदी के 300 के लक्ष्य के विरूद्ध अबतक मात्र 35 पुरूषों का ही नसबंदी कर पाया है. बीते 18 से 30 नवंबर 2024 के बीच विशेष रूप से पुरूष नसबंदी पखवाड़ा चलाया गया था. जिसमें 90 पुरूषों के नसबंदी तथा 1 हजार महिलाओं के बंध्याकरण का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें मुंगेर स्वास्थ्य विभाग पूरे पखवाड़े के दौरान जहां मात्र 423 बंध्याकरण कर पाया. वहीं इस दौरान मात्र 3 पुरूष नसबंदी ही हो पाया.
दो चिकित्सकों के भरोसे मुंगेर में परिवार नियोजन पखवाड़ा
बता दें कि एक वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार बार परिवार नियोजन पखवाड़ा चलाया जाता है. जिसमें मुंगेर के लिये लक्ष्य हासिल करने की जिम्मेदारी मात्र दो चिकित्सकों पर ही है. जिसमें डॉ बीएन सिंह तथा डॉ अशोक पासवान है. वहीं जिले के जमालपुर और धरहरा प्रखंड की जिम्मेदारी जहां डा. अशोक पासवान पर है. वहीं जिले के शेष 7 प्रखंडों में महिला बंध्याकरण और पुरूष नसबंदी की जिम्मेदारी डॉ बीएन सिंह पर ही है. इतना ही नहीं सदर अस्पताल में पुरूष नसबंदी की जिम्मेदारी भी डॉ बीएन सिंह के कंधों पर ही है. ऐसे में एक पखवाड़े के दौरान जिले के 7 प्रखंडों में कार्यक्रम के संचालन की स्थिति को खुद ही समझा जा सकता है.
एक वित्तीय वर्ष में होता है चार परिवार नियोजन पखवाड़ा
जिले में एक वित्तीय वर्ष में चार बार परिवार नियोजन पखवाड़ा कार्यक्रम संचालित किया जाता है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जहां 11 से 31 जुलाई के बीच जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया गया. वहीं 17 से 31 सितंबर के बीच मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत पखवाड़ा चलाया गया. जबकि 18 से 30 नवंबर के बीच पुरूष नसबंदी पखवाड़ा चलाया गया है. वहीं वित्तीय वर्ष समाप्त होने के पहले अब मार्च माह में दोबारा पुरूष नसबंदी पखवाड़ा चलाया जाना है. जो 10 मार्च से आरंभ होगा.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिये नये चिकित्सकों को प्रशिक्षण देकर इंपैनल किया जा रहा है. जिसके लिये जल्द ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कर नये चिकित्सकों को इंपैनल किया जायेगा. हलांकि वर्तमान में मुंगेर में परिवार नियोजन कार्यक्रम का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है.
———————————बॉक्स
———————————-अबतक के तीन पखवाड़े में मुंगेर में परिवार नियोजन की स्थिति
प्रखंड बंध्याकरण नसबंदीअसरगंज 75 0
बरियारपुर 93 0धरहरा 138 3
खड़गपुर 171 5जमालपुर 101 3
सदर प्रखंड 168 1सदर अस्पताल 247 5
संग्रामपुर 90 2तारापुर 154 14
टेटियाबंबर 60 2डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है