असरगंज. कृषि विज्ञान केंद्र, मुंगेर के सहायक निदेशक उद्यान सुपर्णा सिन्हा ने कहा है कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पोषक अनाज ज्वार, बाजरा, महुआ, कोनी, चीना, मक्का की खेती करें जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. मोटे अनाज को भोजन में प्रयोग करने से डायबीटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी से भी निजात मिलेगी. वे गुरुवार को असरगंज दुग्ध उत्पादन केंद्र में आयोजित प्रखंड स्तरीय खरीफ महाभियान सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी. अध्यक्षता बीएओ ज्ञानेंद्र नारायण झा ने की. मुख्य अतिथि ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 500 किसानों को प्रति एक एकड़ मोटे अनाज लगाने के लिए प्रत्येक किसान को चार हजार रुपये की सहायता राशि दी जायेगी. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी संदीप राज ने किसानों को जागरूक रहकर कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने की अपील की. वरीय कृषि वैज्ञानिक विनोद कुमार एवं स्मिता सिंह ने किसानों को कीटनाशक एवं रासायनिक खाद की जगह वर्मी कंपोस्ट को उर्वरक के प्रयोग करने की जानकारी दी. वैज्ञानिकों ने सबौर कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर द्वारा अनुदानित दर पर उपलब्ध कराये जा रहे स्वर्ण शक्ति, सबौर श्री एवं सबौर संपन्न धान का बीज लगाने पर बल दिया. बताया गया कि इस धान के बीज में कम पानी में अधिक उपज होती है. प्रखंड तकनीकी प्रबंधक प्रणव कुमार ने शुष्क बागवानी योजना के तहत आम एवं केले की फसल के साथ कटहल, बेर, आंवला, नींबू एवं जामुन की खेती करने की अपील की. मौके पर मुखिया धर्मेंद्र मांझी, उपसरपंच प्रद्युमन सिंह, किसान गोपाल सिंह, मृत्युंजय राय, शंकर यादव, देवेन प्रसाद सिंह, पप्पू सिंह, धर्मेंद्र सिंह, मो. इकबाल सहित क्षेत्र के सैकड़ों किसान मौजूद थे.
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