कांट्रेक्चुअल लेबर के मौत मामले में नहीं दर्ज हो पायी प्राथमिकी
जमालपुर में शनिवार को कैरिज एंड वैगन विभाग में काम कर रहे एक कांट्रेक्चुअल मजदूर रंजीत कुमार की मौत विभाग में बन रहे नये छत से नीचे उतरने के दौरान गिरने के कारण हो गयी थी. वहीं रविवार तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी.
प्रतिनिधि, जमालपुर. जमालपुर में शनिवार को कैरिज एंड वैगन विभाग में काम कर रहे एक कांट्रेक्चुअल मजदूर रंजीत कुमार की मौत विभाग में बन रहे नये छत से नीचे उतरने के दौरान गिरने के कारण हो गयी थी. वहीं रविवार तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी. जबकि मुंगेर में रविवार को उसके शव की अंत्येष्टि कर दी गयी. बताया गया कि रंजीत प्रसाद शनिवार को कैरिज एंड वैगन विभाग में बन रहे नए शेड की छत से उतरने के क्रम में नीचे गिर पड़ा गया था. हालांकि मामला रेलवे से जुड़ा है, बावजूद रेल थाना द्वारा न तो इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज की गयी और न ही मजूदर का पोस्टमार्टम हो पाया. जमालपुर के रेल क्षेत्र में काम करने वाले कांट्रेक्चुअल मजदूर की मौत का यह कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी रेल परिसर में काम करने वाले कांट्रेक्चुअल लेबर दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं.
कब-कब आया ऐसा मामला
केस स्टडी 1 :
6 फरवरी 2023 –
रेल इंजन कारखाना जमालपुर के डब्ल्यूआरएस वन शॉप में मालगाड़ी के बोगी का साइड वॉल गिरने के करण तीन प्राइवेट कर्मी घायल हो गए थे. जिसमें जमालपुर के केशवपुर निवासी विपिन कुमार, नयाटोला केशवपुर निवासी राजकुमार पासवान एवं सनोज कुमार थे. इसमें विपिन कुमार के कमर की हड्डी टूट गई थी. उस दौरान भी यह बात भी सामने आई थी कि कांट्रेक्चुअल लेबर को कारखाना के अंदर काम करने के दौरान सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते हैं.
केस स्टडी 2 :
30 सितंबर 2023 – रेल इंजन कारखाना जमालपुर में में तीन कांट्रेक्चुअल मजदूर व्हील शॉप की छत से 70 फीट नीचे गिरने के कारण घायल हो गये थे. जिसमें धरहरा थाना क्षेत्र के महरना निवासी नीतीश कुमार, मानगढ़ निवासी अंकित कुमार और गोलू कुमार थे. जिनसे बिना सेफ्टी उपकरण के ही छत पर चढ़कर काम कराया जा रहा था.केस स्टडी 3
:
17 अगस्त 2024 –ओपन लाइन के कैरिज एंड वैगन शेड में चल रहे कार्य के दौरान कांट्रेक्चुअल मजदूर रंजीत प्रसाद की छत से नीचे उतरने के दौरान गिरने से मौत हो गयी. जो पश्चिम बंगाल के बर्नपुर आसनसोल निवासी दुर्गा प्रसाद का पुत्र था. उससे भी बगैर सेफ्टी उपकरण के ही संवेदक द्वारा काम कराया जा रहा था.
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