प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर इमरजेंसी हॉस्पिटल का फर्जी लेटर पैड, मुहर और फर्जी हस्ताक्षर कर अनुभव प्रमाण पत्र बांटने के मामले में मां इमरजेंसी हॉस्पिटल मुंगेर के कथित डॉक्टर बिट्टू बाबू उर्फ बी जोशेफ उर्फ डॉ बी जोशेफ, दीपक कुमार एवं विमल कुमार के खिलाफ सफियासराय में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद चिकित्सा जगत में घमासान मचा है. मामले में सोशल मीडिया पर तरह-तरह के फोटो वायरल किये जा रहे, जबकि पुलिस का अनुसंधान जारी है. मुंगेर इमरजेंसी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट एवं डायरेक्टर डॉ हर्षबर्धन कुमार गोविंदा ने कहा कि कुछ लोग की गतिविधियों के खिलाफ उन्होंने सफियासराय थाना में प्राथमिकी दर्ज करा रखी है. जिसके नामजद बोखलाहट में मेरा, मेरे परिवार और मेरे संस्थान की प्रतिष्ठा को सोशल मीडिया पर धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. जिसको लेकर मैं न्यायालय की शरण में जाऊगा. उन्होंने कहा कि उनके संस्थान का फर्जी लेटर पैड, मुहर और उनका फर्जी हस्ताक्षर कर अनुभव प्रमाण पत्र बांटने के मामले में मां इमरजेंसी हॉस्पिटल के बिट्टू बाबू उर्फ बी जोशेफ उर्फ डॉ बी जोशेफ, दीपक कुमार एवं विमल कुमार के खिलाफ सफियासराय में प्राथमिकी दर्ज रखा है. जिसका अनुसंधान पुलिस कर रही है. अब नामजद किसी न किसी माध्यम से धमकी दिलवा रहा है. जब मैं उनकी धमकी से नहीं डरा तो ये लोग यूटयूबर्स के सहयोग से मेरे परिजनों के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी करते हुए उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर मेरे, मेरे परिवार और मेरे प्रतिष्ठान की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया गया. उस मामले को लेकर वे यूटयूबर्स के विरुद्ध न्यायालय जायेंगे. उन्होंने कहा मेरे द्वारा सही साक्ष्य देने पर ही पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज किया है. अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी एवं न्यायालय जो भी साक्ष्य मांगेंगी, मैं प्रस्तुत करूंगा. मैं प्राथमिकी में अंकित व्यक्तियों अथवा उसके परिवार के विरुद्ध कोई अभद्र टिप्पणी नहीं करूंगा. डॉ बी जोशेफ नहीं है डॉक्टर डॉ हर्षबर्धन ने कहा कि बिट्टू बाबू उर्फ डॉ बी जोशेफ उनके पास डॉक्टर बन कर आये थे. जब भी उनसे प्रमाण पत्र मांगा गया तो उन्होंने टाल-मटोल किया. जिसके बाद मैंने अपने स्तर से पता लगाया तो मालूम हुआ कि उसने बेंगलुरू कर्नाटक के एक संस्थान से बीएससी नर्सिंग किया है. जिसके बाद मैंने उन्हें अपने संस्थान से निकाल दिया. जिससे क्षुब्द होकर उन्होंने मेरे संस्थान से निकाले गये दीपक व विमल के सहयोग से मेरे खिलाफ षडयंत्र रच कर मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास शुरू कर दिया. इस मामले में कथित डॉ बी जोशेफ के मोबाइल पर कई बार फोन किया गया, लेकिन वे मोबाइल रिसीव नहीं कर रहे.
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