मुंगेर/लखीसराय/भागलपुर. गंगा खतरे के निशान ऊपर बह रही है. दियारा क्षेत्र से लेकर करारी और शहरी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इसके कारण गंगा के किनारे बसे जिलों में एक बार फिर बाढ़ आ गयी है. मुंगेर सदर व बरियारपुर प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं दूसरी जमालपुर, असरगंज, खड़गपुर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है. सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गयी है. दर्जनों गांव इसकी चपेट में हैं. गांव से एक बड़ी आबादी पलायन कर रही है. वहीं कई गांवों का संपर्क भंग हो गया और विद्यालयों व स्वास्थ्य केंद्रों में पानी घुस आया है. जिला प्रशासन ने 51 विद्यालयों को बंद कर दिया है. विद्युत पावर सब स्टेशन बरियारपुर में 3 फीट से ज्यादा बाढ़ पानी प्रवेश कर चुका है. इस कारण इस सब स्टेशन से विद्युत बंद हो गया है.
कई प्रखंड बाढ़ की चपेट में
वहीं लखीसराय जिले के बड़हिया गंगा तट के किनारे सिकंदरपुर, खुशहाल टोला, बोधी टोला स्थित घरों में गंगा का पानी प्रवेश कर चुका है. टालक्षेत्र के गांव की सभी सड़कें बाढ़ के पानी में डूब चुकी हैं. गंगा का पानी नगर के निचले इलाके वार्ड नंबर 5, 6, 7, 14, 15, 16, 20 आदि में पूरी तरह फैल गया है. पिपरिया प्रखंड पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया है. डीह पिपरिया, बसौना, तिरासी, पिपरिया दियारा, राहटपुर, रामनगर एवं बरहबसवा का लखीसराय जिला मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है. पिपरिया थाना के समीप सड़क पर करीब दो फीट पानी ऊपर बह रहा है. सूर्यगढ़ा प्रखंड मुख्यालय से बेगूसराय जिले के शाम्हो प्रखंड का संपर्क भंग हो गया है. सूर्यगढ़ा-शाम्हो मुख्य मार्ग पर सड़क पर लगभग पांच फीट ऊपर पानी बह रहा है.
पिपरिया प्रखंड के वलीपुर पंचायत अंतर्गत छोटकी गंगा के पास बाढ़ के पानी में डूबने से 60 वर्षीय पशुपालक अनिल सिंह की मौत हो गयी. गुरुवार की शाम साढ़े चार बजे स्थानीय लोगों के काफी मशक्कत के बाद पानी से उनके शव को निकाला गया. मृतक वलीपुर गांव के स्व. यदुनंदन सिंह उर्फ यद्दू सिंह के पुत्र थे. इधर, कटिहार के बरारी स्थित लक्ष्मीपुर पंचायत के मस्जिद मुसहरी टोला वार्ड दो के गोपाल श्रृषि पशु के लिए घास लेकर बढ़ैया धार पार कर रहा था कि पैर गड्ढे में फिसलने से वह डूब गया. डूबने की खबर से ग्रामीण के सहयोग से देर संध्या गोपाल का शव बरामद किया गया.
एनएच-80 पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक
गंगा के पानी में इजाफा होने से कई गांवों का संपर्क मार्ग जलमग्न हो गया है. एनएच-80 पर घोषपुर के पास बने डायवर्सन पर पानी का अत्यधिक दबाव बना हुआ है. डायवर्सन में कटाव को देखते हुए तत्काल भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है. जानकारी के अनुसार इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर व छात्रावास में गंगा का पानी गुरुवार को प्रवेश कर गया, कमोबेश यही स्थिति जियाउद्दीनपुर चौक, बाबूपुर, रजंदीपुर, फरका, इंग्लिश मसाढ़ू, रामनगर, शंकरपुर सहित आसपास के गांवों में गंगा का पानी भर आया है. तेजी से पानी में हो रहे वृद्धि से ग्रामीण भयभीत हैं और ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं.
डायवर्सन को बचाने की जद्दोजहद में लगा है बाढ़ नियंत्रण विभाग
घोषपुर के पास एनएच-80 के डायवर्सन पर पानी का अत्यधिक दबाव होने के कारण इसे मोटरेबल बनाया गया है. बाढ़ नियंत्रण विभाग डायवर्सन को कटाव से बचाने के लिए जद्दोजहद में लगा हुआ है. बांस-बल्ली और जीओ बैग लगा कर बचाव कार्य जारी है. पथ पर उड़ रहे धूल से बचाव को लेकर पानी का छिड़काव किया गया. डायवर्सन पर लगे ह्यूम पाइप के स्थान पर मिट्टी का धंसना जारी है. जहां सुरक्षा को लेकर ह्यूम पाइप रखा गया है, ताकि कोई दुर्घटना न हो. हालांकि, स्थिति को देखते हुए कयास लगाये जा रहे हैं कि कभी भी एनएच-80 पर आवागमन बंद हो सकता है.
शिविर में बाढ़ पीड़ितों की लगी भीड़
ममलखा पंचायत के मसाढ़ू गांव सहित आसपास के गांव के बाढ़ पीड़ितों के लिए मध्य विद्यालय ममलखा में राहत शिविर जिला प्रशासन के तरफ से लगाया गया है. जहां बाढ़ से प्रभावित परिवारों के लिए रहन-सहन के साथ भोजन की भी व्यवस्था की गयी है. गुरुवार को 35 से 40 परिवार अपने मवेशी के साथ शिविर में शरण लिये हुए थे और आने का सिलसिला जारी था. शिविर प्रभारी के अनुसार गुरुवार के दिन में 450 से ज्यादा लोगों ने शिविर में भोजन किया.
गोदाम में घुसा पानी, आदमपुर घाट रोड पर चढ़ा पानी
एक बार फिर गंगा में तेजी से जलस्तर बढ़ने से शहरी क्षेत्र में गंगा किनारे बसे मोहल्ले में बाढ़ का खतरा मंडराने लग है. एक ओर जहां बारिश थमी हुई है, दूसरी ओर गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है. बुधवार से ही गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा और गुरुवार को इसका असर गंगा के सटे मोहल्ले में दिखने लगा. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर, मानिक सरकार घाट, दीपनगर के समीप झुग्गी बस्ती, मानिक सरकार घाट, आदमपुर घाट, हनुमान घाट, बूढ़ानाथ मंदिर के नीचे मशानी काली परिसर एवं पार्क में पानी का स्तर काफी बढ़ गया. मानिक सरकार घाट में एक-दो मकान के झुकने की चर्चा है, तो घाट समीप टाइल्स गोदाम में पानी घुस गया, तो सीएमएस स्कूल मैदान व पीछे सड़क पर पानी चढ़ गया.
लोगों में बढ़ रहा भय, सुरक्षित ठिकानों में फिर लौटे
वहीं निचले इलाकों सखीचंद घाट, मोहनपुर, साहेबगंज, नाथनगर के लालूचक, श्रीरामपुर, शंकरपुर दियारा क्षेत्र में पानी फिर बढ़ गया और कटाव का खतरा भी मंडराने लगा है. इस क्षेत्र के लोगों में भय बढ़ता जा रहा है. दियारा क्षेत्र के अधिकतर परिवारों ने विश्वविद्यालय परिसर, टीएनबी कॉलेजिएट परिसर में ठिकाना बनाया है, जिसमें कुछ परिवार फिर अपने गांव लौटने लगे थे, लेकिन एक बार फिर उन्हें अपना घरद्वार छोड़कर सुरक्षित ठिकाना की ओर लौटना पड़ा. वहीं मानिक सरकार घाट पर बने मकान में ताला लगाकर दूसरे जगह चले गये. दीपनगर, सखीचंद घाट, किलाघाट, गोलाघाट आदि के लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने लगे हैं. शहर के समीप दियारा के लोगों को अपने से अधिक मवेशियों की चिंता सता रही है कि उनके लिए चारा व अन्य सामग्री कहां से जुटायेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता जगतराम साह कर्णपुरी ने बताया कि मोहनपुर दुर्गा स्थान के चारों ओर पानी भर गया है. यहां पहुंचना मुश्किल हो रहा है. हालांकि मां का स्थान सुरक्षित है. वहीं दीपनगर के वरीय सामाजिक कार्यकर्ता कमल जायसवाल ने बताया कि दीपनगर, मानिक सरकार घाट व आदमपुर घाट में सैकड़ों परिवार के बीच बाढ़ को लेकर दहशत है.
30 दिनों से 100 घरों में भरा है पानी
दीपनगर काली ठाकुर लेन की दो झोपड़ी फिर आयी बाढ़ में बह गये. 30 से अधिक 100 घरों में गंग का पानी भरा हुआ है. भारत की जनवादी नौजवान सभा-डीवाइएफआइ के राज्य कमेटी सदस्य मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि जिलाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त व नगर आयुक्त को अवगत करा चुके हैं. बावजूद इसके कोई राहत कार्य नहीं हुआ. जनप्रतिनिधियों का भी रवैया सम्मानजनक नहीं रहा. कोई देखने तक नहीं पहुंच रहे हैं. बाढ़पीड़ित परिवारों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है.
मच्छर, सांप, बिटगोय जमा रहे डेरा
घर में जहरीला जीव-जंतु सांप, बिटगोय आदि घुस रहा है. मानिक सरकार घाट में लगातार सांप निकलने की शिकायत मिल रही है. बैंक कॉलोनी के राकेश कुमार ने बताया कि मच्छर की परेशानी बढ़ती जा रही है. कोई सावधानी व उपाय काम नहीं कर रहा है.
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