Munger News : बाढ़ का संकट : डेंजर लेवल से मात्र 26 सेंटीमीटर नीचे बह रही गंगा

वार्निंग लेबल 38.33 मीटर से 71 सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा

By Prabhat Khabar News Desk | September 18, 2024 11:56 PM

मुंगेर.

मुंगेर में एक बार फिर से गंगा उफान पर है और डेंजर लेवल से मात्र 26 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. इस कारण मुंगेर में पुन: बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है. गंगा पार दियारा इलाके के साथ ही गंगा किनारे के करारी क्षेत्रों के गांवों व विद्यालयों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जबकि सड़कों को बाढ़ के पानी ने डुबो दिया है. उस पर तेज धार के साथ पानी बह रहा है. इस कारण ग्रामीणों के साथ ही शिक्षक व छात्र-छात्राओं की परेशानी काफी बढ़ गयी है.

प्रतिघंटा तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग की मानें तो मुंगेर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है. सोमवार की शाम 6 बजे गंगा का जलस्तर 39.07 मीटर पर पहुंच चुका था. जो वार्निंग लेबल 38.33 मीटर से 71 सेंटीमीटर ऊपर और डेंजर लेबल 39.33 मीटर से 26 सेंटीमीटर नीचे है. लेकिन गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. प्रतिघंटा 3 सेंटीमीटर के हिसाब से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. अगर जलस्तर वृद्धि की यहीं रफ्तार रही, तो मुंगेर में गंगा का जलस्तर गुरुवार की रात अथवा शुक्रवार की सुबह डेंजर लेवल को पार कर लेगा.

गंगापार के गांवों से पलायन शुरू, बढ़ने लगी नाव की डिमांड

15-20 दिन पूर्व बाढ़ का पानी गांवों से वापस हो गया था. कई सड़कों को बाढ़ ने तोड़ दिया था. जबकि गंगा पार के विद्यालयों में पानी भर जाने से पठन-पाठन बुरी तरह से प्रभावित हो गया था. साथ ही वहां के गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से भंग हो गया था. बाढ़ का पानी लौटने से गंगा पार कुतलुपुर, जाफरनगर, टीकारामपुर, बरियारपुर प्रखंड के झौवाबहियार, हरिणमार सहित अन्य पंचायत बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. जबकि असरगंज, खड़गपुर व जमालपुर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. दियारा क्षेत्र के पंचायतों से नावों का डिमांड बढ़ने लगा है. क्योंकि ग्रामीण सुरक्षित क्षेत्र की ओर पलायन करने लगे है. तारापुर दियारा पंचायत के मुखिया ने दो नाव अपने क्षेत्र में चलाने की मांग जिला प्रशासन से की है.

विद्यालयों में घुसा पानी, बच्चों की पढ़ाई ठप

दियारा क्षेत्र के पंचायतों में पड़ने वाले विद्यालयों में एक बार फिर से बाढ़ का पानी पहुंच गया है. इस कारण शिक्षक-शिक्षिका और छात्र-छात्राओं को विद्यालय आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकांश छात्र-छात्राओं को उनके माता-पिता विद्यालय नहीं जाने दे रहे है. क्योंकि बाढ़ का पानी सड़कों पर फैल गया है.

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