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वानिकी महाविद्यालय : 17 माह बाद भी पठन-पाठन तो दूर कर्मियों तक की नहीं हो पायी नियुक्ति

सदर प्रखंड मुंगेर के नंदलालपुर में बना है देश का दूसरा और राज्य का पहना वानिकी महाविद्यालय

– सदर प्रखंड मुंगेर के नंदलालपुर में बना है देश का दूसरा और राज्य का पहना वानिकी महाविद्यालय

– 96 एकड़ में फैला है महाविद्याललय, 231.83 करोड़ की लागत से हुआ है तैयार

– 7 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था उद्घाटन

मुंगेर . देश का दूसरा और राज्य का पहला वानिकी महाविद्यालय छात्र-छात्राओं का इंतजार कर रहा है. उद्घाटन के 17 माह बाद भी न तो इस महाविद्यालय में पठन-पाठन शुरू हो पाया और न ही राज़्य सरकार कर्मियों को बहाल कर सकी है. जिसके कारण देश भर केे छात्र-छात्राओं को निराशा हाथ लगी है. हालांकि महाविद्यालय परिसर जंगल में तब्दील न हो जाय, इसलिए वन विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है. हालात यह है कि महाविद्यालय परिसर आज पूरी तरह से सूनसान है.

96 एकड़ में 231.85 करोड़ की लागत से बना है वानिकी कॉलेज

बताया जाता है कि केंद्र सरकार ने मुंगेर जिला में देश का दूसरा और राज्य का पहला वानिकी कॉलेज खोलने का निर्णय लिया और केंद्रीय मंत्री मंडल से इसे स्वीकृति भी प्रदान किया गया. राज्य सरकार ने वानिकी महाविद्यालय खोलने के लिए जिला मुख्यालय से सटे सदर प्रखंड के नंदलालपुर गांव में 96 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया. 25 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास किया. इसमें शोधार्थियों के लिए शोधार्थी भवन, विद्यार्थियों के लिए क्लास रूम, प्रयोगशाला और आवास का निर्माण कराया गया. प्राचार्य, कर्मचारी सहित अन्य के रहने के लिए भी आवास का निर्माण कराया गया. अलग-अलग विषयों के लिए अलग-अलग भवन का निर्माण कराया गया. 2022 में वानिकी कॉलेज बन ककर तैयार हो गया.

17 माह बाद भी शुरू नहीं हुई पढ़ाई

7 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वानिकी महाविद्यालय का उद्घाटन किया था. उस समय पत्रकारों से उन्होंने कहा था कि शीघ्र ही यहां प्राचार्य, शिक्षक व कर्मचारियों की नियुक्ति कर पठन-पाठन शुरू कर दी जायेगी. लेकिन उद्घाटन के 17 माह बाद भी न तो पठन-पाठन शुरू हुआ और न ही प्राचार्य, शिक्षक व अन्य स्तर के कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो सकी. जबकि 27 जनवरी 2023 को संपन्न हुई राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में कैबिनेट ने वानिकी महाविद्यालय में प्राचार्य, शिक्षक सहित शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित कुल 204 पदों के सृजन को स्वीकृति मिल चुकी है. इस कालेज का संचालन सबौर कृषि विश्वविद्यालय के अधीन ही होना है. राज्य सरकार द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से यहां पढ़ने के लिए छात्र- छात्राओं का चयन किया जाना है. लेकिन प्रवेश परीक्षा, कर्मचारियों की नियुक्ति सहित सभी प्रक्रिया वर्तमान समय में ठप पड़ी हुई हैँ.

इन विषयों में शौध व पढ़ाई की है व्यवस्था

इस कॉलेज में एमएससी फॉरेस्ट्री, पर्यावरण विज्ञान में एमएससी, बीएससी फॉरेस्ट्री, पर्यावरण विज्ञान में सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स सहित अन्य विषयों में शौध व पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है. वानिकी कॉलेज के शुरू होते ही देश भर के शोधार्थी यहां शोध कर सकेंगे. जिसका देश भर के छात्र-छात्राओं को इंतजार है.

वन विभाग को मिली है रख-रखाव की जिम्मेदारी

वानिकी महाविद्यायल 96 एकड़ में फैला हुआ है. पूर्व में यहां पर झाड़-पात उग जाने के कारण जंगल की स्थिति उत्पन्न होने लगी थी. क्योंकि वह पूरी तरह से विरान था. लेकिन हाल के दिनों में वानिकी महाविद्यालय के रखरखाव की जिम्मेदारी वन प्रमंडल मुंगेर को दिया गया है. वन विभाग की ओर मुख्य गेट पर दो होमगार्ड की ड्यूटी लगायी गयी है. जबकि परिसर को जंगल होने से बचाने के लिए 33 मजदूरों को यहां पर दैनिक मजदूरी पर रखा गया है. जबकि वन विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी यहां पर आवासन की व्यवस्था दी गयी है.

कहते है वन एवं पर्यावरण मंत्री

राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि 28 जनवरी 2024 को बिहार में एनडीए की सरकार बनी. वानिकी कॉलेज में पढ़ाई क्यों नहीं हो रही है विभाग के साथ समीक्षा किया. आखिर इतना खर्च कर तैयार किया गया वानिकी कॉलेज में क्यों नहीं पढ़ाई शुरू हुई. लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू हो गया. आचार सहिता खत्म होने के बाद विभाग के विभाग के एसएससीएफ अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में एक कमिटी बनायी गयी है. जिसमें विभाग के दो वरीय पदाधिकारियों को रखा गया है. जो शीघ्र रिपोर्ट देंगी. भविष्य में कॉलेज के साथ -साथ इसे रिचर्स सेंटर बनाया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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