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तीन कमरों में ही चार कक्षाओं की हो रही पढ़ाई, सालों से नहीं है अंग्रेजी व संस्कृत के शिक्षक

प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय धर्मशाला रोड में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई होती है. कक्षा 9 में 56, कक्षा 10 में 52, कक्षा 11 में 69 तथा कक्षा 12 में 25 छात्राएं नामांकित हैं, लेकिन इन छात्राओं को बैठने के लिए तीन बरामदे को कमरे का रूप दे दिया गया है. विद्यालय का कार्यालय भी बरामदा पर ही चलता है

प्रतिनिधि, जमालपुर. लंबे चौड़े शिक्षा बजट के बावजूद माध्यमिक स्तरीय शिक्षा में लोगों को परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है. माध्यमिक विद्यालयों में आधारभूत संरचना का टोटा बना हुआ है. शिक्षक उपलब्ध नहीं है और माध्यमिक विद्यालयों को प्लस टू का दर्जा दे दिया गया है. प्लस टू का कोड मिल जाने के एक वर्ष बीतने के बावजूद अबतक न तो इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया गया है और न ही शिक्षक की नियुक्ति की गई है. ऐसे में जमालपुर धर्मशाला रोड स्थित प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय में विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

202 छात्राओं के लिए बेहतर व्यवस्था नदारद

प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय धर्मशाला रोड में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई होती है. कक्षा 9 में 56, कक्षा 10 में 52, कक्षा 11 में 69 तथा कक्षा 12 में 25 छात्राएं नामांकित हैं, लेकिन इन छात्राओं को बैठने के लिए तीन बरामदे को कमरे का रूप दे दिया गया है. विद्यालय का कार्यालय भी बरामदा पर ही चलता है और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक ही प्लस टू की छात्राओं को भी पढ़ते हैं. लेकिन मुसीबत तब उत्पन्न होती है जब एक साथ चारों कक्षा का संचालन करना पड़ता है. इस विद्यालय में लंबे समय से अंग्रेजी और संस्कृत विषय के एक भी शिक्षक नहीं है.

प्रधानाध्यापक सहित सात शिक्षक उपलब्ध

विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मुस्तफा आलम है. जो विभिन्न वर्गों की छात्राओं को उर्दू पढ़ते हैं. इसके अतिरिक्त रेणु कुमारी संगीत, सुमन कुमारी विज्ञान, अभिलाषा कुमारी हिंदी, उषा कुमारी सोशल साइंस, संजय कुमार तिवारी गणित और संतोष कुमार ललित कला पढ़ाते हैं. पाठ्यक्रम के अनिवार्य विषय संस्कृत के लिए इस विद्यालय में लंबे समय से शिक्षक नहीं है. विद्यालय में अंग्रेजी के शिक्षक भी नहीं है. माध्यमिक के यही शिक्षक कक्षा 11 और कक्षा 12 की छात्राओं को भी पढ़ते हैं, जबकि इस विद्यालय को प्लस टू का कोड 2023 में ही आवंटित कर दिया गया है.

कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक

प्रभारी प्रधानाध्यापक मुस्तफा आलम ने बताया कि विद्यालय में साइंस प्रयोगशाला नहीं है. आइसीटी प्रयोगशाला भी उपलब्ध नहीं है. अंग्रेजी और संस्कृत विषय के शिक्षक की कमी है. विद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर की घोर कमी बनी हुई है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को इस संबंध में जानकारी दी गयी है.

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