Munger news : मुंगेर टू मिर्जाचौकी के बीच 123 किलोमीटर तक फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा है. पर, मुंगेर में 650 मीटर जमीन के पेच में पूरी की पूरी परियोजना ही फंस गयी है. कारण, मुंगेर में निर्माण कार्य शुरू होने के ढाई साल बाद भी जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी नहीं कर सका है. इसके कारण अप्रैल 2024 में पूरी होनेवाली परियोजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है और एनएचएआइ को निर्माण एजेंसी को अवधि विस्तार देना पड़ाहै.
कृषि के बदले आवासीय भूमि के मुआवजे की मांग
मुंगेर में 26.6 किलोमीटर में फोरलेन का निर्माण कार्य होना था. इसके लिए करीब 36 मौजा में 147.5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना था. पर, राजनीतिक पेच के कारण 03 किलोमीटर में बननेवाली फोरलेन सड़क को डिस्कोप कर दिया गया. इसके कारण मुंगेर में मात्र 23.6 किलोमीटर में ही फोरलेन का निर्माण होना है. जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई तेज हुई तो एजेंसी ने निर्माण कार्य को भी तेज कर दिया, लेकिन मुंगेर के महमदा में मामला फंस गया. एजेंसी की मानें, तो यहां पर 650 मीटर जमीन अधिग्रहण कर प्रशासन ने अब तक नहीं दिया है. इसके कारण निर्माण कार्य महीनों से यहां पर ठप पड़ा हुआ है. जिला भू-अर्जन कार्यालय की मानें तो 650 मीटर नहीं, बल्कि 344 मीटर जमीन अधिग्रहण को लेकर कार्रवाई की जा रही है. पर, रैयत कृषि के बदले आवासीय भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर अड़ गये हैं. इसके कारण जमीन अधिग्रहण रुका है. कई रैयत आर्बीटेटर के यहां कंप्लेन कर रखे हैं.
भेजा जा चुका है तीन नोटिस, कोर्ट में जमा होगी राशि
बताया गया कि 224 रैयत हैं, जो अपनी जमीन का मुआवजा नहीं ले रहे हैं. 197 रैयत ऐसे हैं जिनका मामला आर्बीटेटर के यहां चल रहा है. मुआवजा नहीं लेनेवालों को तीसरा नोटिस भेज दिया गया है. अगर 15 दिनों के अंदर ऐसे रैयत कागजात जमा कर मुआवजा नहीं ग्रहण करते हैं, तो उनके मुआवजे की राशि जिला जज के न्यायालय में जमा करा दी जायेगी. 197 रैयतों के मामले की सुनवाई आर्बीटेटर के यहां पूरी होने के बाद ही मुआवजे की राशि दी जाएगी.
अब तक 149 करोड़ मुआवजा दिया जा चुका
मुंगेर में जमीन अधिग्रहण के लिए एनएचएआइ से 195 करोड़ रुपये रैयतों को मुआवजा राशि देने के लिए दिया गया. इसमें से 149 करोड़ रुपये मुआवजा राशि के तौर पर रैयतों को भुगतान कर दिया गया है. 23.89 करोड़ रुपये रैयतों के नहीं लेने पर जिला जज के न्यायालय में जमा करा दिया गया.
ढाई साल बाद भी जमीन का नहीं हो सका अधिग्रहण
जिले में सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत 31 मार्च 2022 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने बरियारपुर-खड़गपुर मुख्य मार्ग कृष्णानगर के पास नारियल फोड़ कर की थी. इसके बाद ढाई साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज भी मुंगेर जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी नहीं कर सका है. प्रशासनिक दावों की ही अगर मानें, तो अब भी 344 मीटर जमीन का अधिग्रहण कर जिला प्रशासन को एनएचएआइ को देना है.
फोरलेन सड़क से कई जिलों को होगा फायदा
मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क से कई जिलों को फायदा मिलेगा. मुंगेर की यह पहली फोरलेन सड़क होगी, जो मुंगेर से सुल्तानगंज और भागलपुर होते हुए झारखंड के मिर्जाचौकी को जोड़ेगी. फोरलेन सड़क बनने से इसके दोनों तरफ छोटे, बड़े और मझोले व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आयेगी. यह सड़क जब बनकर तैयार हो जाएगी तो कई महत्वपूर्ण स्थानों तक पहुंचने में आसानी होगी. पर्यटन के क्षेत्र में भी काफी बदलाव आयेगा. मुंगेर को पुराने एनएच-80 पर लगनेवालेमहाजाम से मुक्ति मिलेगी.
अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज कुमार गुप्ता ने बताया कि महमदा में मात्र 344 मीटर जमीन अधिग्रहण के लिए शेष रह गयी है. इसके अधिग्रहण करने की कार्रवाई चल रही है. 224 ऐसे रैयत हैं जो मुआवजा लेने नहीं आ रहे हैं. उनको तीन नोटिस भेजा जा चुका है. 15 दिनों बाद उनके हिस्से का मुआवजा जिला जज के न्यायालय में जमा करा दिया जायेगा.