डीआइजी ने कहा-फूल यूनिफॉर्म का पालन नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई, प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर रेंज के नये डीआइजी राकेश कुमार ने कहा कि फूल यूनिफॉर्म और अनुशासन पुलिस सेवा को विशिष्टता प्रदान करती है. इसलिए इसका पालन करना हर पुलिसकर्मियों का दायित्व है. ऐसा नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी. इसे लेकर रेंज के चारों जिलों के पुलिस अधीक्षकों से भी संवाद स्थापित की जायेगी और इसे पूर्ण रूप से लागू किया जायेगा. ये बातें बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए कही. भारतीय पुलिस सेवा के वरीय अधिकारी राकेश कुमार नव वर्ष के पहले दिन बुधवार को मुंगेर रेंज के 35वें डीआइजी के रूप में अपना योगदान दिया. उन्होंने डीआइजी संजय कुमार से प्रभार लिया. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है. अनुशासन बनाए रखना प्राथमिकता है. पुलिस सेवा की विशिष्टता का एक अहम आयाम उनकी वर्दी है. साफ-सुथरे और उचित ढंग से यूनिफॉर्म में पुलिसकर्मी आम लोगों के साथ सकारात्मक छवि को पेश करते हैं. साथ ही यह अनुशासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी उजागर करते हैं. यूनिफॉर्म बेहतर पुलिसिंग में भी एक अहम आयाम की तरह कार्य करते हैं. पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को ड्यूटी के दौरान यूनिफॉर्म में अच्छी तरह से तैयार रहने का निर्देश देते हुए कहा कि जो भी पुलिसकर्मी यूनिफॉर्म में नहीं होंगे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि थानों के सिरिस्ता को बेहतर किया जायेगा. सिरिस्ता जितना अच्छा होगा, रिकाॅर्ड का संधारण उतनी ही अच्छी होगी. इससे पारदर्शिता भी आयेगी.
मुंगेर रेंज में आठ हजार मामले अनुसंधान के लिए लंबित
उन्होंने कहा कि मुंगेर रेंज में 8 हजार मामले अनुसंधान के लिए लंबित है. सबसे अधिक जमुई जिला में 3500 से अधिक मामले लंबित है. हत्या, एसएसी-एसटी, पुलिस पर हमला और सांप्रदायिक कांडों का निष्पादन उनकी प्राथमिकता होगी. मुंगेर रेंज में 150 हत्या और 100 एससी-एसटी के मामले लंबित है. उन्होंने कहा कि वारंट और कुर्की मामलों के निष्पादन के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा. उन्होंने कहा कि कांस्टेबल के प्रशिक्षण को लेकर चारों जिलों में बेहतर ट्रेनिंग सेंटर बनाया जायेगा, जहां पर उनके ट्रेनिंग के लिए सभी संसाधन मौजूद रहेगा.
पीड़ितों को डीआइजी ऑफिस से मोबाइल पर मिलेगी सूचना
डीआइजी ऑफिस में आने वाले आवेदकों को सूचना देने के सिस्टम में बदलाव किया गया. आवेदन करने वाले आवेदक को उसी दिन उसके मोबाइल पर इस ऑफिस से मैसेज भेजा जायेगा कि उनका आवेदन कहां और किस अधिकारी के पास जांच के लिए भेजा गया. अगर 15 दिनों के अंदर आवेदक काम से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वे दुबारा यहां आवेदन करें अथवा उनसे मिल कर अपनी बातों को रखें. हर हाल में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाना उनकी प्राथमिकता सूची में शामिल है.
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