सिविल सर्जन कार्यालय की लापरवाही ने संकट में डाला पांच ड्रेसर कोर्स के विद्यार्थियों का भविष्य
सिविल सर्जन कार्यालय की लापरवाही ने संकट में डाला पांच ड्रेसर कोर्स के विद्यार्थियों का भविष्य
कार्रवाई – मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन ने संबंधित कर्मी का रोका वेतन.
साल 2022 में ही समाप्त होना था कोर्स, दो साल बाद भी परीक्षा फॉर्म भरने से रह गये वंचित .मुंगेर. सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी की लापरवाही के कारण ड्रेसर के लिये पारामेडिकल कोर्स करने वाले सत्र 2021-22 के पांच विद्यार्थियों का भविष्य संकट में आ गया है. हाल यह है कि इन पांच विद्यार्थियों के ड्रेसर का कोर्स जहां 2022 में ही समाप्त होना था. वहीं दो साल बाद साल 2024 में भी पांचों विद्यार्थी सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी की लापरवाही के कारण परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित रह गये हैं. हलांकि मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने तत्काल संबंधित कर्मी के वेतन पर रोक लगाते हुये मामले को लेकर पटना जाने और विभागीय स्तर से बात करने का निर्देश दिया है.संकट में ड्रेसर कोर्स के पांच विद्यार्थियों का भविष्य
बता दें कि सरकार से स्वीकृत प्रत्येक जिले में सिविल सर्जन के अंदर पारामेडिकल कोर्स के लिये पांच सीट हैं. जिसपर साल 2021 में पांच विद्यार्थी सूरज, नीलेश, सुभाषनी, कृर्ति और निशा ने नामांकन लिया था. जिसका सत्र 2021-22 का था. विद्यार्थियों ने बताया कि सिविल सर्जन कार्यालय में साल 2021 में विद्यार्थियों के कोर्स से जुड़ा मामला कर्मी संजीव कुमार देखते थे. जिनका 2022 में स्थानांतरण के बाद उनकी जगह दिवाकर कुमार आये. साल 2022 में जब दिवाकर कुमार से परीक्षा फॉर्म भरने के बारे में पूछा गया तो बताया कि समय समाप्त हो चुका है. मैं नया हूं, इसलिये मुझे जानकारी नहीं मिल पायी. इसके बाद साल 2023 में भी दिवाकर कुमार द्वारा यही बात कही गयी और परीक्षा फॉर्म भरने का समय समाप्त हो गया. इसके बाद 2024 में 11 मई तक दो बार परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि विभाग से निकाली गयी. लेकिन इसके बावजूद हमलोगों का फॉर्म नहीं भराया गया. विद्यार्थियों ने बताया कि उनका कोर्स 2022 में ही समाप्त होना था. लेकिन दो साल बाद भी वे लोग परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित हो गये है. ऐसे में उनका भविष्य भी अब अंधकारमय हो गया है.पटना जाने के बाद भी बुझ गयी आखिरी उम्मीद
विद्यार्थियों ने बताया कि इस मामले की जानकारी विद्यार्थियों द्वारा सिविल सर्जन को दी गयी. जिसके बाद सिविल सर्जन द्वारा कर्मी दिवाकर कुमार के साथ सभी विद्यार्थियों को पटना विभाग जाने का निर्देश दिया गया. जहां जाने पर बताया गया कि परीक्षा फॉर्म भरने के लिये दो बार डेट बढ़ायी गयी. सभी जिले में विद्यार्थियों का परीक्षा फॉर्म भरा दिया गया है. केवल मुंगेर के ही पांच विद्यार्थियों का परीक्षा फॉर्म नहीं भराया है. अब ऐसे में विभागीय बैठक में ही तिथि बढ़ाने पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है. संबंधित कर्मी का वेतन रोक दिया गया है. हलांकि उनके द्वारा विभाग से अपने स्तर से बात की गयी है. विभागीय बैठक के बाद उम्मीद है कि परीक्षा फॉर्म भराने की तिथि विस्तारित की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है