वार्निंग लेबल की ओर प्रति घंटा दो सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

गंगा में जलस्तर का दबाव बढ़ने से निचले इलाकों में तेजी से फैलने लगा बाढ़ का पानी

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 7:24 PM

गंगा में जलस्तर का दबाव बढ़ने से निचले इलाकों में तेजी से फैलने लगा बाढ़ का पानी, प्रतिनिधि, मुंगेर. दो दिन स्थिर रहने के बाद एक बार फिर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी है. जो तेजी से वार्निंग लेबल की ओर बढ़ रहा है. गंगा में पानी का दबाव बढ़ने के कारण निचले इलाकों में तेजी से पानी फैलना शुरू हो गया है. मुंगेर सदर प्रखंड के दियारा क्षेत्र की तीन पंचायतों के एक दर्जन से अधिक टोला व गांव पानी से घिर गया है, जबकि नदी-नालों से होकर बाढ़ का पानी दूसरे क्षेत्रों में भी पहुंचने लगी है. संभावना है कि शनिवार को गंगा का जलस्तर वार्निंग लेबल 38.33 को पार कर जायेगा.

वार्निंग लेबल से 14 सेंटीमीटर नीचे बह रही गंगा

दो दिनों से स्थिर गंगा के जलस्तर में गुरुवार की देर रात से वृद्धि होने लगी है. जो वार्निंग लेबल से मात्र 14 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. गुरुवार की शाम 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 37.78 मीटर पर स्थिर थी. गुरुवार की मध्य रात्रि से पुन: गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी. पिछले 23 घंटे में गंगा के जलस्तर में 29 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है. केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की शाम 5 बजे गंगा का जलस्तर 38.09 मीटर पर पहुंच चुका था. जिसमें प्रति घंटा 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से वृद्धि हो रही है. गंगा के जलस्तर में अभी वृद्धि जारी रहेगी. इस रफ्तार से भी जलस्तर में बढ़ोतरी होती है तो 8 घंटे यानी शनिवार की सुबह गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल 37.33 को पार कर जायेगी और जिले में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जायेगी.

निचले इलाकों में तेजी से फैलने लगा बाढ़ का पानी

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण गंगा पार दियारा क्षेत्र के निचले इलाकों में तेजी से पानी फैलने लगा है. सीताचरण, टीकारामपुर, कुतलुपुर बहियार के सैकड़ों एकड़ खेतों में पानी घुस गया है. जबकि कुतलुपुर, जाफरनगर व टीकारामपुर पंचायत का अधिकांश गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है. जाफनगर पंचायत से निकलने वाली सड़क पर भी पानी तीन फीट तक खड़ा हो गया है. इस कारण ग्रामीणों की परेशानी काफी बढ़ गयी है.

पशु चारा की उत्पन्न होने लगी समस्या

बताया जाता है कि बाढ़ का पानी फैलने से पशुओं के रख-रखाव में पशुपालकों को परेशानी होनी शुरू हो गयी है, जबकि पशु चारा की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है. दियारा क्षेत्र में अधिकांश पशुपालकों का बासा है. जहां पर वे पशुओं को रखते है, लेकिन पानी फैलने के कारण पशुपालक अपने पशुओं को लेकर ऊंचे स्थान पर चले गये है. जबकि खेतों में लगा हरा पशु चारा डूब गया है. इस कारण उनके समक्ष पशु चारा की समस्या उत्पन्न होने लगी है. किसानों ने कहा कि इसी रफ्तार से पानी बढ़ा तो बाढ़ आ जायेगा और आम आवाम के साथ ही पशुओं को लेकर लोगों को घर-बार छोड़ना पड़ जायेगा.

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