साधना के समय ईश्वर दूर व परोपकार करने पर ईश्वर साथ रहते : स्वामी निरंजनानंद

परोपकार करने पर ईश्वर साथ रहते

By Prabhat Khabar News Desk | July 20, 2024 11:56 PM

फोटो संख्या – फोटो कैप्शन – 24. श्रद्धालुओं को संबोधित करते स्वामी निरंजनानंद प्रतिनिधि, मुंगेर बिहार योग विद्यालय के पादुका दर्शन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को श्रद्धालु नर-नारियों की भीड़ लगी रही. गुरु पूर्णिमा के पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में परमंहस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने अपने गुरु स्वामी सत्यानंद के चिंतन को बताते हुए कहा की उन्होंने योग को जनमानस के जीवन में स्थापित किया और गुरु के संकल्प व आदेश को पूरा किया. उन्होंने कहा कि साधना के समय ईश्वर दूर रहते हैं और परोपकार करने पर ईश्वर साथ रहते हैं. जो मनुष्य अपने अंदर झांकने में सक्षम है, उन्हें ईश्वर दिखाई देते हैं. स्वामी निरंजनानंद ने कहा कि उनके गुरुदेव कहते थे कि हर प्राणी के अंदर ईश्वर को देखो, उसका अनुभव करो. यदि कोई प्राणी भूखा है तो उसके अंदर का ईश्वर भी भूखा रहता है. सुख-शांति मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन उसे पाने का प्रयास करना होगा. खुद की अभिलाषा बिना अपने व्यवहार और आचरण में परिवर्तन के नहीं हो सकता. स्वामी शिवानंद के अष्ठांग योग अपनाने व सद्गुणों को अपनाने का प्रयास करना होगा. स्वामी जी स्वयं को धन्य मानते हुए कहा कि वे बचपन से ही अपने गुरु के साथ रहे, इसलिए उनके मन में सांसारिक स्थिति नहीं रही.

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