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डेंगू संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लापरवाह, एलाइजा जांच से पहले ही एनएस-1 पॉजिटिव संदिग्ध मरीज हुआ लामा

एलाइजा जांच से पहले ही एनएस-1 पॉजिटिव संदिग्ध मरीज हुआ लामा

संक्रमण फैलने पर जांच और जागरूकता अभियान चलाने का स्वास्थ्य विभाग कर रहा इंतजार, प्रतिनिधि, मुंगेर. बाढ़ और बारिश के बीच एक माह पूर्व ही सरकार द्वारा सभी जिलों को डेंगू संक्रमण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया था, लेकिन मुंगेर स्वास्थ्य विभाग डेंगू संक्रमण को लेकर पूरी तरह लापरवाह बना है. इस कारण ही सदर अस्पताल में एक दिन पूर्व एनएस-1 पॉजिटिव डेंगू का संभावित मरीज एलाइजा जांच से पहले ही लामा (बिना सूचना के अस्पताल से जा चुका है) हो गया है. इधर, डेंगू संक्रमण के अबतक दो संभावित मामले आने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग संक्रमण फैलने पर जांच और जागरूकता अभियान चलाने का इंतजार कर रहा है.

एलाइजा जांच से पहले लामा हुआ डेंगू का संभावित मरीज

मोगल बाजार निवासी स्व. पंकज कुमार के पुत्र 26 वर्षीय कृति आर्यन को तेज बुखार के बाद उसे सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया था. जिसका प्लेटलेटस 48 हजार था, जबकि वह डेंगू के एनएस-1 जांच में पॉजिटिव पाया गया था. जिसे गुरुवार को सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में संदिग्ध मरीज के रूप में भर्ती किया गया था, लेकिन एलाइजा जांच से पहले ही उक्त मरीज के परिजन उसे अस्पताल से लेकर चले गये. हालांकि, सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में एनएस-1 पॉजिटिव डेंगू का एक संभावित मरीज बेकापुर निवासी रितेश वर्मा के 16 वर्षीय पुत्र आयुष कुमार भर्ती है. जिसे सोमवार 5 अगस्त को ही भर्ती किया गया था, हालांकि, आयुष कुमार का एलाइजा जांच रिपोर्ट निगेटिव पाया गया है. जबकि इससे पूर्व खगड़िया के सोनडीहा महद्दीपुर गांव निवासी शंभू यादव की 18 वर्षीय पुत्री कोमल कुमारी एनएस-1 पॉजिटिव पायी गयी थी. जो सदर अस्पताल में एलाइजा जांच में डेंगू पॉजिटिव पायी गयी थी. हालांकि, इलाज के बाद डेंगू की कंफर्म मरीज को सदर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.

अबतक नहीं दिख रहा जागरूकता और जांच को लेकर

गंभीरता

डेंगू संक्रमण के संदिग्ध मामलों ने शहर में अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. इस कारण ही एक सप्ताह में ही शहर में डेंगू के दो संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें एक मामला लामा भी हो चुका है, बावजूद अबतक स्वास्थ्य विभाग न तो जागरूकता और न ही जांच के प्रति गंभीर हो पाया है. हाल यह है कि एक सप्ताह के अंदर डेंगू के दो संदिग्ध मामले आने के बावजूद एलाइजा जांच के प्रति स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह लापरवाह बना है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि पूर्व में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला से लेकर प्रखंड तक डेंगू के लिये जागरूकता अभियान चलाया गया था. जबकि एनएस-1 पॉजिटिव वैसे मरीज, जिनका प्लेटलेटस काउंट 25 हजार से कम होता है. उनका ही एलाइजा जांच किया जा रहा है.

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