बिना सर्जन के मुंगेर जिले में 800 हाइड्रोसील मरीजों के ऑपरेशन का लक्ष्य कैसे होगा पूरा

मुंगेर स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान भारत योजना के तहत टैग जिले के निजी नर्सिंग होम के भरोसे तैयारी कर रहा है

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2024 6:34 PM
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– 2025 तक सभी हाइड्रोसील मरीजों के ऑपरेशन पूरा करने का सरकार ने दिया है लक्ष्य- आयुष्मान योजना से टैग निजी हॉस्पिटल के भरोसे मुंगेर स्वास्थ्य विभागफोटो संख्या –

मुंगेर

सरकार ने 2025 तक सभी हाइड्रोसील मरीजों का ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में लगभग तीन साल से बिना सर्जन चिकित्सक के ही मुंगेर स्वास्थ्य विभाग जिले के 800 हाइड्रोसील के मरीजों के ऑपरेशन का लक्ष्य कैसे पूरा करेगा. यह खुद अब मुंगेर स्वास्थ्य विभाग के लिये बड़ा सवाल बन गया है. हलांकि स्वास्थ्य विभाग सरकार से सर्जन मिलने तक आयुष्मान भारत योजना से टैग निजी नर्सिंग होम के भरोसे अपना लक्ष्य पूरा करने की तैयारी कर रहा है. लेकिन इसमें भी जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डल कार्ड निर्माण की बदहाल स्थिति के कारण इसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है.

राज्य सरकार द्वारा 2025 तक सभी हाइड्रोसील मरीजों के ऑपरेशन को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. जिसे तहत कुल 800 हाइड्रोसील के मरीजों को चिन्हित किया गया है. जिसका ऑपरेशन अगले साल तक स्वास्थ्य विभाग को कराना है. ऐसे में अब तीन साल से बिना सर्जन के चल रहे मुंगेर जिले के लिये मुश्किलें बढ़ने वाली है. निजी नर्सिंग होम के भरोसे हाइड्रोसील ऑपरेशन

सरकार से मिले लक्ष्य को पूरा करने के लिये अब मुंगेर स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान भारत योजना के तहत टैग जिले के निजी नर्सिंग होम के भरोसे तैयारी कर रहा है. जिससे स्वास्थ्य विभाग के साथ मरीजों की परेशानी भी बढ़ेगी, क्योंकि आयुष्मान भारत योजना से टैग निजी नर्सिंग होम में केवल आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्डधारी मरीजों को ही निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा मिलेगी. जबकि बिना कार्ड वाले मरीजों को पैसे खर्च कर अपना हाइड्रोसील ऑपरेशन कराना होगा, क्योंकि जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डल कार्डधारियों की स्थिति भी बदहाल है. हाल यह है कि जिले में अबतक 7 लाख से अधिक लाभुकों में केवल 2 लाख लाभुकों को ही गोडल्न कार्ड मिल पाया है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि दीपावली के बाद विभाग द्वारा सर्जन दिये जाने का आश्वासन दिया गया है. जिससे हाइड्रोसील सहित अन्य मरीजों का ऑपरेशन भी हो पायेगा. जबकि लक्ष्य को पूरा करने के लिये तबतक आयुष्मान भारत योजना के तहत टैग निजी नर्सिंग होम की मदद ली जायेगी.

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तीन साल से बिना सर्जन के चल रहा मुंगेर

मुंगेर : लगभग 20 लाख की जनसंख्या वाला मुंगेर जिला पिछले तीन साल से बिना सर्जन के ही चल रहा है. हद तो यह है कि तीन साल से जनरल सर्जन के साथ हड्डी के सर्जन का भी टोटा बना है. 2021 तक सदर अस्पताल में जनरल सर्जन के रूप में डॉ शाहीद मुर्तुजा तैनात थे. जबकि इसके अतिरिक्त तारापुर में एक सर्जन डॉ कुंदन थे. जिसमें अगस्त 2021 में पहले जनरल सर्जन के रूप में डॉ शाहीद मुर्तुजा इस्तीफा देकर सदर अस्पताल से चले गये. जबकि इसी साल नवंबर माह में जिले डॉ कुंदन भी दूसरी जगह नौकरी होने पर इस्तीफा देकर चले गये.

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