चार वर्षों से बिना वेंटिलेटर के चल रहा आइसीयू वार्ड

पांच माह में गयी 41 की जान

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2024 10:53 PM

मुंगेर. सदर अस्पताल में वैसे तो छह बेड का आइसीयू वार्ड संचालित है. लेकिन आइसीयू वार्ड चार वर्षों से बिना वेंटिलेटर के ही चल रहा है. जहां समुचित चिकित्सीय सुविधा के अभाव में मरीज जान गंवा रहे हैं. जबकि लाखों रुपये का सात वेंटिलेटर फरवरी माह से पीकू वार्ड में धूल फांक रहा है. स्वास्थ्य विभाग वैसे तो बिना मानक के संचालित अवैध स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्रवाई का दावा कर रहा है, लेकिन ऐसे में जब खुद सदर अस्पताल बिना मानक के संचालित हो रहा हो, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई कौन करेगा. बिना वेंटिलेटर के सदर अस्पताल में कौन सा आइसीयू वार्ड संचालित हो रहा है. यह बड़ा सवाल है.

सालों से बिना वेंटिलेटर के चल रहा आइसीयू वार्ड

सदर अस्पताल में छह बेड का आइसीयू वार्ड संचालित है. जहां अति गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाता है. लेकिन सदर अस्पताल का आइसीयू वार्ड सालों से बिना वेंटिलेटर के ही संचालित हो रहा है. जबकि किसी भी आइसीयू वार्ड के लिए वेंटिलेटर सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है, जो अति गंभीर मरीजों के लिए आवश्यक लाइफ सपोर्ट होता है. सदर अस्पताल के आइसीयू वार्ड में वेंटिलेटर के अभाव में मरीजों की जान जा रही है. खुद अस्पताल के आंकड़ों को देखें तो आइसीयू वार्ड में अप्रैल से अगस्त माह में अबतक कुल 41 मरीजों की मौत हो चुकी है. इसमें अप्रैल में 3, मई में 22, जून में 3, जुलाई में 5 तथा अगस्त माह के 29 दिनों में 3 मरीजों की मौत आइसीयू वार्ड में हुई है.

पीकू वार्ड में पड़ा है लाखों का वेंटिलेटर

ऐसा नहीं है कि सदर अस्पताल के पास वेंटिलेटर की कमी है, क्योंकि अस्पताल के पास अपना लाखों रुपये का सात वेंटिलेटर है. हालांकि यह मरीजों को सुविधा देने की जगह पीकू वार्ड में फरवरी माह से ही धूल फांक रहा है. हद तो यह है कि खुद स्वास्थ्य विभाग कर्मियों के वेंटिलेटर संचालन को लेकर प्रशिक्षित नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है. आइसीयू वार्ड में कार्यरत कर्मियों के अनुसार वेंटिलेटर का संचालन चिकित्सक की मॉनिटरिंग में करना है. इसके कारण अबतक आइसीयू वार्ड में वेंटिलेटर नहीं लग पाया है. हद तो यह है कि तीन माह पूर्व ही खुद सिविल सर्जन ने अपने निरीक्षण के दौरान वार्ड में वेंटिलेटर लगाने तथा इसका संचालन किये जाने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद अबतक न तो आइसीयू वार्ड में वेंटिलेटर लग पाया है और न ही मरीजों को इसकी सुविधा मिल पा रही है.

इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत चिकित्सक के भरोसे है आइसीयू

सदर अस्पताल में आइसीयू की बदहाली का आलम यह है कि जहां सालों से वार्ड बिना वेंटिलेटर के ही चल रहा है. वहीं इसमें नियमित चिकित्सक की ड्यूटी भी नहीं है, क्योंकि तीनों शिफ्ट में आइसीयू का संचालन इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक के भरोसे ही होता है. ऐसे में कई बार एक साथ आइसीयू व इमरजेंसी में गंभीर मामला आने के बाद मरीजों को चिकित्सक के आने का इंतजार करना पड़ता है. अब ऐसे में सदर अस्पताल में आइसीयू के मानक संचालन पर खुद बड़ा सवाल खड़ा होने लगा है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि अस्पताल के पास वेंटिलेटर है. लेकिन कर्मी इसके संचालन के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं. पूर्व में कुछ कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन उनका स्थानांतरण हो चुका है या सेवानिवृत्त हो चुके हैं. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन को जल्द से जल्द कर्मियों को प्रशिक्षित कर वार्ड में वेंटिलेटर संचालन का निर्देश दिया गया है.

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