-विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने नाटक पेश कर जीवंत का दिया उदाहरणबरियारपुर. अंग नाट्य मंच बरियारपुर द्वारा शुक्रवार को मानसी लक्ष्मण प्रेक्षागृह गांधीपुर में तीन दिवसीय 25वां अंग नाट्य यज्ञ का शुभारंभ किया गया. आसा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम पटेल, विधायक अजय सिंह, कौशल पाठक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन किया. नाट्य यज्ञ के पहले दिन अंतरराष्ट्रीय बहुभाषीय लघु नाटक, नुक्कड़ नाटक, लोक नृत्य व रंग जुलूस निकाला गया. पहले दिन के कार्यक्रम में पांच लघु नाटक एवं लोक नृत्य की प्रस्तुति की गई.
नाटक में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का दिखाया दर्द
पहला नाटक द रंग गिरिडीह द्वारा असगर वजाहत लिखित एवं पुरुषोत्तम दा द्वारा निर्देशित नाटक लाहौर का मंचन किया गया. इसमें हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद के दर्द को सांस्कृतिक भिन्नताएं के साथ ही प्रेम और और समर्पण को दर्शाया गया कि लाहौर में एक हिंदू परिवार को मुस्लिम परिवार से दुख का भी सामना करना पड़ा. इसमें कलाकार साहिल सिंह, श्रुति सिन्हा, मृणाली कुमारी ने अपने अभिनय से नाटक को जीवंत बनाए रखा. दूसरा नाटक बी ओल्ड बिंदु असम द्वारा निहाल भट्टाचार्य द्वारा लिखित एवं अभिनीत नाटक आई वांट टू फ्लाई लाइक एकाइट का मंचन किया गया. जिसमें बाल श्रम पर आधारित पेश किये गये नाटक में दर्शाया गया कि आर्थिक स्वास्थ्य पूर्ति के लिए श्रम करवाकर किस तरह बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
सरकार व उसके अधिकारी जनता के धन का कैसे कर रहे दुरुपयोग
नाट्यालय रांची द्वारा कथा एगो अगोचर का मंचन किया गया. इस नाटक में ब्यंग के माध्यम से यह दिखाया गया है कि कैसे सरकार और उसके अधिकारी अपनी निजी हितों के लिए जनता के धन का दुरुपयोग करते हैं. कला व संस्कृति के बजाय इसे अपनी स्वार्थ पूर्ण इच्छाओं के लिए मोड़ते हैं. इसमें कलाकार आयुषी भद्र, बादल साहू, शिवम मनोहरण ने अपनी शानदार अभिनय की प्रस्तुति की. वहीं डीआरएस कल्चर कोलकाता द्वारा छाया नाटक का मंचन किया गया. जिसमें दिखाया गया कि सामाजिक पतन को कैसे रोका जा सकता है. जिसमें कलाकार सुमन कर्मकार, अमित चतुर्वेदी, तन्मय गुप्ता ने अपनी सशक्त भूमिका निभायी. अंतिम नाटक सागर रिदम उड़ीसा द्वारा मुझे जीने दें नाटक का मंचन किया गया जो काफी सराहनीय रहा. वहीं अनुरोध साहित्य कला केंद्र आजमगढ़ के कलाकारों ने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम को सफल बनाने में रंगकर्मी अभय कुमार, संजय कुमार, अर्पित कुमार, शानू, शालू कमारी ने भरपूर योगदान दिया.
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