– बजट के सक्षम प्राधिकार से अनुमोदित न होने से वेतनादि मद में सरकार से राशि मिलने में होगी परेशानी
मुंगेर. वित्तीय वर्ष 2024-25 का तीसरा माह गुजरने में अब मात्र 5 दिन शेष रह गया है. लेकिन मुंगेर विश्वविद्यालय प्रशासन अब भी अपने छठे सीनेट बैठक को लेकर पूरी तरह उदासीन बना है. ऐसे में एमयू प्रशासन की उदासीनता आने वाले समय में खुद एमयू के शिक्षक व कर्मियों के लिये परेशानी को बढ़ायेगी, क्योंकि एमयू के वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये बजट के सक्षम प्राधिकार से अनुमोदिन न होने के कारण सरकार से वेतनादि मद में भी विश्वविद्यालय को राशि मिलने में परेशानी होगी. कुल मिलाकर कहा जाये तो एमयू के शिक्षक व कर्मियों को वेतन मिलने में परेशानी होगी.बता दें कि नियमानुसार वित्तीय वर्ष आरंभ होने के पूर्व ही सूबे के लगभग सभी विश्वविद्यालयों द्वारा अपना सीनेट व सिंडिकेट बैठक आयोजित कर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये बजट को अनुमोदित कर लिया गया है. लेकिन एमयू प्रशासन इस मामले में पूरी तरह उदासीन बना है. ऐसे में अबतक एमयू का चालू वित्तीय वर्ष के लिये बजट को सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन नहीं मिल पाया है. जिसके कारण आने वाले समय में एमयू को अपने शिक्षक एवं कर्मियों के लिये सरकार से वेतनादि व पेंशनादि मद की राशि नहीं मिल पायेगी. हलांकि एमयू प्रशासन द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के फरवरी माह में ही सीनेट व सिंडिकेट बैठक को लेकर फाइल बनायी गयी थी. लेकिन प्रमोशन मामले में उलझे एमयू प्रशासन की लापरवाही के कारण सीनेट व सिंडिकेट की फाइल अब भी विश्वविद्यालय में ही धूल फांक रही है.
नियमित शिक्षकों व कर्मियों के लिये बढ़ेगी परेशानी
एमयू में वैसे ही अतिथि शिक्षक व आउटसोर्सिंग कर्मी लंबे समय से अपने बकाया वेतन के इंतजार में बैठे हैं. ऐसे में सीनेट व सिंडिकेट बैठक नहीं होने और बजट को सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन नहीं मिल पाने के कारण आने वाले समय में एमयू के नियमित शिक्षक व कर्मियों को भी अपने वेतन के लिये लंबा इंतजार करना पड़ेगा. हद तो यह है कि सब जानते हुये भी एमयू प्रशासन अबतक इस मामले में पूरी तरह लापरवाह बना है. जबकि अब तो एमयू में सीनेट व सिंडिकेट बैठक को लेकर चर्चा तक नहीं हो रही है. हलांकि कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर द्वारा सीनेट व सिंडिकेट बैठक को लेकर कई बार फाइल कुलपति को बढ़ायी गयी है. लेकिन एमयू प्रशासन अबतक इसे लेकर कोई निर्णय नहीं ले पाया है.
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