मुंगेर. किशोर न्याय अधिनियम एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम को लेकर शनिवार को पुलिस लाइन सभागार में पुलिस पदाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों के लिए जागरूकता कार्यशाला हुई. अध्यक्षता एसपी सैयद इमरान मसूद ने की. एएसपी मुख्यालय पंकज कुमार, बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अनिमेष कुमार चंद्र, बाल संरक्षण पदाधिकारी सुजीत कुमार, विधि अधिकारी राजेश कुमार मौजूद थे. एसपी ने कहा, किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधान के अनुसार थानों में बालकों के लिए ऐसे अनुकूल स्थान पर पूछताछ करें कि, उन्हें ऐसा प्रतीत न हो कि वह पुलिस थाने में है या हिरासत में रखकर पूछताछ की जा रही है. सभी थानों में चाइल्ड फ्रेंडली कॉनर स्थापित करने का भी निर्देश दिया. कहा, विशेष तौर पर लैंगिक शोषण से पीड़ित/पीड़िताओं के मामले के बालक/बालिकाओं को जिले के बाल कल्याण समिति के सामने 24 घंटे के अंदर रिर्पोट करें. जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने कहा, बच्चों के प्रति पुलिस पदाधिकारी अपनी भूमिका व दायित्वों का निर्वहन पूरी संवेदनशीलता एवं अभिभावक के रूप में करें. बाल संरक्षण पदाधिकारी ने समाज कल्याण अन्तर्गत संचालित योजनाओं एवं बाल विवाह निषेध, महिला हिंसा, लैंगिक हिंसा एवं ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित अधिनियम एवं नियमों की जानकारी दी. विधि अधिकारी ने कहा, विधि के उल्लंघन करने वाले एवं देखरेख व संरक्षण वाले बच्चों की समुचित देखरेख, पुनर्वास, संरक्षण, उपचार एवं विकास सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेवारी है. हम सभी का कर्त्तव्य है कि विधि संघर्षरत करने वाले बालकों को अपराधी बनने से रोकना है. कार्यशालय में सभी थानाध्यक्ष, जिला बाल संरक्षण इकाई के परामर्शी, ऑउटरीच वर्कर सहित अन्य मौजूद थे.
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