भारतीय रेलवे यांत्रिक व विद्युत अभियंत्रण संस्थान (ईरिमी) का 98वां स्थापना दिवस आज

भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान (इरिमी) भारतीय रेल का गौरव और जमालपुर का धरोहर है

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2025 7:38 PM

जमालपुर. भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान (इरिमी) भारतीय रेल का गौरव और जमालपुर का धरोहर है. इसका 98 वां स्थापना दिवस शुक्रवार को मनाया जायेगा. यही वह गौरवशाली संस्थान है, जहां स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस में रेलवे के मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पौधों का निर्माण होता था, जो भारतीय रेल के लंबे चौड़े नेटवर्क का परिचालन करते रहे हैं. स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस का प्रशिक्षण बंद कर दिये जाने के बाद भले ही इस संस्थान का रुतबा थोड़ा कम हुआ है, परंतु अब भी यहां रेलवे के अधिकारियों को अनेकों प्रकार के प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं.

बहुत ही अनोखी है इस संस्थान के स्थापना की दास्तां

भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान की स्थापना रेल इंजन कारखाना जमालपुर के परिसर में वर्ष 1888 ईस्वी में हुआ था. पहले इसे रेल कारखाना के टेक्निकल स्कूल के रूप में जाना जाता था. वर्ष 1905 में यहां यूरोपियन अप्रेंटिस और बाद में 1911 में पार्टीशन अप्रेंटिस प्रशिक्षण आरंभ हुआ. इस बीच पहला विश्व युद्ध के दौरान देश में इंडियन इंडस्ट्रियल कमीशन का गठन हुआ, क्योंकि भारतीय रेल की कमजोरी युद्ध के दौरान उजागर हो चुकी थी. इसी क्रम में इस संस्थान में भारतीय अप्रेंटिस मैकेनिक को पर्यवेक्षक का प्रशिक्षण कार्य आरंभ हुआ. जिसके बाद 14 फरवरी 1927 को स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस का पहला बैच इस संस्थान में शामिल किया गया. तब इसका नाम टेक्निकल स्कूल ही था. बाद में 1974 में इसका नामकरण इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट आफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के रूप में किया गया. इस संस्थान के रखरखाव की जिम्मेदारी सीधे रेलवे बोर्ड को दी गई और यहां के अभिभावक वर्तमान में अपर निदेशक कहलाते हैं. यहां इस पद पर वर्तमान में अपर निदेशक मनु गोयल हैं.

गौरवमयी है संस्थान का इतिहास

इरिमी भारतीय रेल का जगमगाता सितारा है. जहां के प्रशिक्षकों ने भारतीय रेल के परिचालन को सुगम बनाने और इसे समुन्नत करने में कई सारी उपलब्धियां हासिल की है. इतना ही नहीं यहां के प्रशिक्षक ने नोबेल पुरस्कार भी हासिल किया है. स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस 1958 बैच के नैनीताल में जन्मे राजेंद्र कुमार पचौरी को वर्ष 2007 में नोबेल पुरस्कार मिला. उन्हें यह सम्मान इंटर गवर्नमेंट मेंटल पैनल आफ क्लाइमेट चेंज के अध्यक्ष के रूप में प्राप्त हुआ था. राजेंद्र कुमार पचौरी इस संस्थान के 2018 के वार्षिकोत्सव में शामिल भी हुए थे. इसी वर्ष 2018 में इस संस्थान के वार्षिकोत्सव में रेलवे बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अश्विनी लोहानी भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे.

2016 से बंद हो चुकी है स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस की पढ़ाई

स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस के लिए यूपीएससी द्वारा विधिवत परीक्षा ली जाती थी परंतु वर्ष 2015 में यूपीएससी ने स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस की परीक्षा लेने से इनकार कर दिया. जिसके बाद वर्ष 2016 से स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस की नामांकन प्रक्रिया पूरी तरह बंद कर दी गयी. हालांकि इस दौरान स्थानीय स्तर पर इसका विरोध भी हुआ था, परंतु कोई नतीजा नहीं निकला. संतोष की बात यह है कि अब यहां रेलवे के अनेक प्रकार के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, परंतु अपने समकक्ष अन्य संस्थानों की तुलना में इस संस्थान का रुतबा काम हुआ है. पिछले महीने रेलवे बोर्ड ने इस संस्थान में मैकेनिकल स्ट्रीम की पढ़ाई की मंजूरी देकर इस समुन्नत बनाने की घोषणा की है. अब यहां दो दिवसीय एनुअल डे फंक्शन के बजाय एक दिन का समारोह स्थापना दिवस पर आयोजित किया जाता है.

आईआरएसएमई-91 बैच के अजय सिंह होंगे इस बार मुख्य अतिथि

इस संस्थान का स्थापना दिवस समारोह इस बार शुक्रवार को मनाया जा रहा है. संस्थान से मिली अधिकृत जानकारी में बताया गया है कि स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि आईआरएसएमई-91 बैच के अजय सिंह होंगे.

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