जमालपुर रेल इंजन कारखाना जमालपुर को भले ही मुख्य धारा से अलग-अलग कर दिया गया हो, परंतु जमालपुर कारखाना आज भी भारतीय रेल को राह दिखाने के काम कर रहा है. रेल इंजन कारखाना में कार्बन फुटप्रिंट को कम कर पर्यावरण स्थिरता की दिशा में एक कदम बढ़ते हुए पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उत्पादन के लिए जलवायु नमक ऑनसाइट गैस जनरेटर का उपयोग करना शुरू कर दिया है.
मांग के अनुरूप उत्पादित होता है जलवायु गैस ईंधन
बताया गया कि जमालपुर वर्कशॉप में इस्तेमाल किया जाने वाला यह जलवायु गैस ईंधन जनरेटर मांग या आवश्यकता के अनुसार गैस का उत्पादन करता है. जिससे विशेष सिलिंडर के भंडारण और परिवहन की आवश्यकता समाप्त हो जाती है. यह एक सुरक्षित पर्यावरण अनुकूल और किफायती उपकरण है. जहां विद्युत ऊर्जा के प्रयोग द्वारा पानी के अंगों से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का निर्माण होता है और हाइड्रोजन टॉर्च की परिणामी लौ भी कार्बन उत्सर्जन से मुक्त होती है. जलवायु गैस जनरेटर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस की एक सतत धारा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया जाता है. जो टॉर्च को ईंधन देता है. जिसका उपयोग ब्रेजिंग हीटिंग कटिंग और अन्य अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है. यह उपकरण व्यावसायिक रूप से लाभकारी है जो गैस कटिंग टॉर्च और अन्य मोड बनाने के खर्चे में लगभग 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत की बचत करता है.परिचालन का लाभ
जलवायु नामक ऑन साइट गैस जनरेटर भरने और सफाई के बाद की लागत तथा समय को काम करता है. साथ ही उपयोगकर्ता के अनुकूल और संचालित करने में भी आसान होता है. इस प्रोजेक्ट के शोर रहित रहने के कारण इस साइड से दूर रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. एलपीजी और एसिटिलीन गैस के भंडारण का कोई जोखिम नहीं होता है. गैस को दबाव में नगर में गिरावट के साथ पाइप लाइन के माध्यम से 40 मीटर तक ले जाया जा सकता है. जलवायु को किसी भी हाथ ब्रेजिंग कटिंग सीएनसी और पग मशीन से जोड़ा जा सकता है. पर्यावरण अनुकूल ऑक्सी हाइड्रोजन गैस के लिए पूर्वी रेलवे के जमालपुर वर्कशॉप में इस्तेमाल की जाने वाली अत्यधिक मशीन जलवायु है.कहते हैं अधिकारी
पूर्व रेलवे कोलकाता के सीपीआरओ कौशिक मित्र ने बताया कि जलवायु नामक ऑन साइट गैस जनरेटर प्रदूषण मुक्त विकल्प है. इसमें कार्बन मुक्त लौ और कोई काली कालिख नहीं होती है यह प्रोजेक्ट एलपीजी गैस और एसिटिलीन गैस का विकल्प है. जिसे 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान के साथ वायुमंडलीय दबाव पर एक्वा गैस का घनत्व 0.47 ग्राम लीटर है. जब इसे वायुमंडल में छोड़ा जाता है तो यह तेजी से नष्ट हो जाता है, इसलिए यह बहुत सुरक्षित है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है