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जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव 22 अप्रैल को, जोड़-तोड़ की राजनीतिक शुरूजिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) सह जिलाधिकारी की मौजूदगी में होगा चुनाव

jod-jhootha kee raajaneetik shuruaat

By Prabhat Khabar News Desk | April 15, 2024 11:39 PM

मुंगेर. जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए आगामी 22 अप्रैल को चुनाव होगा. उसी दिन निर्वाचित अध्यक्ष को शपथ भी दिलाया जायेगा. जिसे लेकर एक ओर जहां प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी है, वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष पद पर कब्जा को लेकर दोनों गुटों ने जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव के बीच जिला परिषद अध्यक्ष पद पर होने वाले चुनाव को लेकर जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. जिला परिषद सभागार में होगा अध्यक्ष पद का चुनाव. बताया जाता है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला परिषद मुंगेर के अध्यक्ष के रिक्त पद पर निर्वाचन कराने एवं निर्वाचित अध्यक्ष को शपथ दिलानेे के लिए 22 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) सह जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह के नेतृत्व में अध्यक्ष पद का चुनाव कराया जायेगा. जबकि उनके द्वारा ही निर्वाचित अध्यक्ष को शपथ दिलाया जायेगा. चुनाव व शपथ कार्यक्रम दोनो जिला परिषद सभागार में होगा. जिसको लेकर सदस्यों को पत्र भेज कर सूचना दे दिया गया है. चुनाव की जहां सभी प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी है. वहीं आयोग से प्राप्त निर्देश के आलोक में आयोग के वेबसाईट पर ऑनलाइन से संबंधित सभी कार्यो को ससमय पूर्ण करने के लिए तीन पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया. जिसमें जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी रंजन कुमार यादव, जिला स्थापना शाखा के आईटी सहायक मनोज कुमार एवं जिला पंचायत राज कार्यालय के अंकित पटेल शामिल है. जो संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को आयोग के वेबसाईट पर ऑनलाइन करेंगे. अध्यक्ष पद से 13 मार्च को हटायी गयी थी साधना. जिला परिषद में कुल 14 सदस्य है और अध्यक्ष पद पर साधना देवी काबिज थी. लेकिन तीन सदस्य अनिल सिंह, दुर्गेश सिंह एवं पिंकी देवी ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. जिसको लेकर जिलाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी को पत्र सौंपा था. सदस्यों द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर 13 मार्च को जिला परिषद सभागार में बैठक बुलायी गयी थी. अध्यक्ष सहित कई सदस्यों ने इसमें भाग नहीं लिया था. लेकिन चर्चा के उपरांत कोरम पुरा होने पर वोटिंग करायी गयी. जिसमें साधना देवी को एक भी मत नहीं मिला था और उनकी कुर्सी चली गयी थी. जिसका फैसला अब 22 अप्रैल के चुनाव में होगा.

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