संग्रामपुर. कांवर की रुनझुन झंकार के बीच कांवरियों का बाबाधाम जाने का सिलसिला जारी हो गया है. आगामी 22 जुलाई से श्रावणी मेला का शुभारंभ होगा. लेकिन जिस प्रकार मेला शुरू होने में चंद दिन शेष हैं. उस अनुरूप प्रशासनिक स्तर पर तैयारी आधी अधूरी है. कच्ची कांवरिया पथ में पेयजल, शौचालय, स्नानागार, स्वास्थ्य शिविर, पुलिस पिकेट बनाने का कार्य अभी बांकी है तो कांवरियों को बालू बिछाव के बावजूद कीचड़मय सड़क के बीच यात्रा करना पड़ रहा है.
जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी स्थिति में नहीं हुआ सुधार
विदित हो कि छह जुलाई को जिलाधिकारी द्वारा कच्ची कांवरिया पथ पर श्रावणी मेला की तैयारी के निरीक्षण के दौरान मनिया धर्मशाला के पास कीचड़ और जलजमाव को देख धर्मशाला के सामने फेबर ब्लॉक या पीसीसी सड़क का निर्माण करने का आदेश संबधित विभाग के अधिकारी को दिया गया था. लेकिन विलंब से पीसीसी कार्य शुरू किए जाने एवं धर्मशाला के सामने बालू-गिट्टी रख दिए जाने से धर्मशाला का रास्ता अवरुद्ध हो गया. जिससे कांवरियों को धर्मशाला में प्रवेश करने में कठिनाई हो रही है. इतना ही नहीं कांवरिया पथ पर लाइटिंग की भी व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण कांवरिया रात के अंधेरे में यात्रा करने को विवश हैं.
कांवरियों ने बयां की अपनी परेशानी
मंगलवार की रात बिहार के सिवान जिला के कांवरिया अनिरुद्ध शर्मा, जितेंद्र कुमार, सुमन शुक्ला ने बताया कि प्रत्येक वर्ष बांग्ला सावन के प्रवेश होते हैं और हम सभी कांवरिया यात्रा प्रारंभ करते हैं. इस बार तैयारी में कमी देखी जा रही है. रास्ते में लाइटिंग की व्यवस्था नहीं होने से दूर-दूर तक अंधेरे में ही यात्रा करना पड़ रहा है. बुधवार को दिन के 11 बजे कच्ची कांवरिया पथ से पैदल यात्रा कर रहे मधुबनी के कांवरिया सुरेश सिंह, बबलू कुमार, राकेश रोशन, संगीता कुमारी ने कहा कि रास्ते में शौचालय एवं झरना सुचारू रूप से शुरू नहीं किया गया है. जिससे परेशानी हुई. फिलवक्त मेला शुरू होने में महज चार दिन शेष रह गया है. ऐसी स्थिति में आधी अधूरी व्यवस्थाओं के बीच कांवरिया का जत्था बाबा धाम की ओर कूच कर रहे हैं.
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