मुंगेर. माघी पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए विभिन्न गंगा घाटों पर बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर जहां भगवान भास्कर को ध्यान किया, वहीं स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं ने चंडिका स्थान, बड़ी दुर्गा स्थान, बड़ा महावीर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की तथा अपने परिवार के सलामती की कामना की. गंगा स्नान को लेकर उमड़ी भीड़ को लेकर शहर में कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी रही. जिसके कारण आम राहगीरों को खासे परेशानियों का सामना करना पड़ा. हिंदू धर्म में माघी पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व है. शास्त्रों में माघ स्नान और व्रत की महिमा बतायी गई है. यही कारण है कि बुधवार को माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करके पूजा-पाठ और दान करने में मशगूल रहे. शहर के कष्टहरणी घाट, बबुआ घाट, सोझी घाट, जहाज घाट, कंकड़ घाट, बेलवा घाट, दुमंठा घाट, मय घाट, मनियारचक घाट, महेशपुर घाट सहित अन्य गंगा घाटों पर अहले सुबह से ही गंगा स्नान करने वालों की भीड़ लगी रही. सबसे अधिक कष्टहरणी घाट तथा बबुआ घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ थी. जिसके कारण गंगा घाट से 200 मीटर पूर्व तक जहां लोगों का रैला था, वहीं वाहनों की लंबी कतारें लग गयी थी. लागों को जहां गांगा तट तक पहुंचने में परेशानी हो रही थी, वहीं गंगा स्नान करने के बाद वहां से बाहर आने में भी उतनी ही मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा था. गंगा स्नान को लेकर शहर में अत्यधिक वाहनों का दबाव बढ़ जाने के कारण एक नंबर ट्रैफिक, कोतवाली रोड, पूरबसराय, गोला रोड सहित अन्य मार्गों में कई बार जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. जिसे पुलिस बलों द्वारा बार-बार हटाये जाता रहा. वास्तव में माघी पूर्णिमा माघ मास का आखिरी दिन है और इसके ठीक अगले दिन से ही फाल्गुन की शुरूआत होती है. शास्त्रों में लिखा गया है कि माघी पूर्णिमा पर विधि विधान से पूजा करना काफी फलदायक होता है.
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