प्रमंडल में कुल 2500 लोगों ने किया है आवेदन, मात्र 725 की बनी एलपीसी

मात्र 725 की बनी एलपीसी

By Prabhat Khabar News Desk | July 6, 2024 11:46 PM

मुंगेर प्रमंडल में निजी नलकूप योजना की प्रगति निराशाजनक, आयुक्त ने जतायी नाराजगी, अपर समाहर्ताओं से पूछा कारण कहा, सीओ 15 दिनों के अंदर सभी लंबित आवेदनों के संदर्भ में प्रखंडवार कैंप मोड में एलपीसी व जाति प्रमाण पत्र निर्गत कराना सुनिश्चित करेंगे जमुई जिले के खैरा में दाखिल खारिज के सर्वाधिक मामले लंबित फोटो संख्या – 5 फोटो कैप्शन -5. अपर समाहर्ताओं के साथ बैठक करते प्रमंडलीय आयुक्त. प्रतिनिधि, मुंगेर मुंगेर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह ने शनिवार को प्रमंडल के सभी छह जिलों के राजस्व, आपदा एवं लघु जल संसाधन विभाग से संबंधित योजनाओं व कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान जहां उन्होंने निजी नलकूप योजना की प्रगति पर निराशा जतायी और एलपीसी के मामले अधिक लंबित रहने पर अपर समाहर्ताओं की क्लास लगायी. वहीं अतिक्रमित जल संचयन वाली जगहों को चिन्हित नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की. इसके साथ ही राजस्व की समीक्षा के दौरान पाया गया कि जमुई जिले के खैरा में दाखिल खारिज के सर्वाधिक मामले लंबित हैं. इस पर उन्होंने आपत्ति व्यक्त करते हुए आवश्यक निर्देश दिये. बैठक में अपर समाहर्ता, उप समाहर्ता भूमि सुधार व कार्यपालक अभियंता मौजूद थे. मुंगेर में 296 आवेदकों में मात्र 10 में बनी है एलपीसी आयुक्त ने निजी नलकूप योजना के संदर्भ में लघु संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता व सभी कार्यपालक अभियंता से क्रियान्वयन व अद्यतन स्थिति के संबंध में जानकारी ली. बताया गया कि मुंगेर में सहमति प्राप्त 296 आवेदकों में से केवल 10 में एलपीसी प्राप्त हुई है. जमुई जिले में 1106 आवेदन में 674 एलपीसी मिली है. 487 जाति प्रमाण पत्र बने हैं. शेखपुरा में 86 आवेदन, लखीसराय में 111 व खगड़िया में मात्र एक आवेदन निजी नलकूप योजना में प्राप्त हुए हैं. मुंगेर प्रमंडल अंतर्गत कुल 2500 आवेदन प्राप्त मिले हैं. इसके विरुद्ध शिविरों में 725 एलपीसी ही बन पाये हैं. एलपीसी एवं जाति प्रमाण बनाने में काफी गैप रहने पर आयुक्त ने असंतोष जाहिर करते हुए इस संबंध में सभी अपर समाहर्ताओं से कारण पूछा. इसके साथ ही निर्देश दिया कि अपर समाहर्ता अपने स्तर से लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं संबंधित सीओ के साथ बैठक कर इसकी समीक्षा करेंगे. वहीं सीओ अगले 15 दिनों के अंदर सभी लंबित आवेदनों के संदर्भ में प्रखंडवार कैंप मोड में एलपीसी एवं जाति प्रमाण पत्र निर्गत कराना सुनिश्चित करेंगे. अतिक्रमित जल संचयन वाली सभी जगहों को नहीं किया गया चिह्नित जल जीवन हरियाली योजना की समीक्षा में सामने आया कि अभी भी काफी जल संचयन वाली ऐसी जगह जो अतिक्रमित है उसे चिह्नित नहीं किया गया है. मुंगेर जिले में मात्र 64 अतिक्रमित जल संचयन वाली जगहों को चिह्नित किया गया है, जबकि शेखपुरा व लखीसराय में इसकी संख्या अधिक है. ऐसा प्रतीत होता है कि अंचलाधिकारी के स्तर से सही तरीके में प्रयास नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि लघु जल संसाधन विभाग इसके लिए जबावदेह है. पांच एकड़ से अधिक एवं इससे कम रकबे वाली अतिक्रमित जल संचयन वाली जगहों की पहचान आवश्यक है. आयुक्त ने कहा कि अतिक्रमण मुक्त होने के बाद नव चिह्नित जल संचयन वाली जगह जो 5 एकड़ से अधिक हैं, उसमें लघु जल संसाधन विभाग व पांच एकड़ से कम जल संचयन वाली जगह का मनरेगा व संबंधित योजनाओं के द्वारा जीर्णाेद्धार किया जायेगा. जमुई जिला के खैरा में दाखिल खारिज के सर्वाधिक मामले लंबित राजस्व की समीक्षा में लंबित दाखिल खारिज के सर्वाधिक मामले जमुई जिले के खैरा अंचल में पाये गये. आयुक्त ने कहा कि दाखिल खारिज से संबंधित कोई भी मामला बिना आपत्ति के 21 दिन से अधिक लंबित न रहे, इसे सुनिश्चित कराएं. अस्वीकृति के अधिक मामले खगड़िया जिले में पाये जाने पर असंतोष व्यक्त किया गया. भू लगान वसूली में शेखपुरा जिले की उपलब्धि कम रहने पर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया. उन्होंने बड़े बकायेदारों की सूची प्रखंड कार्यालय में प्रदर्शित कराने के निर्देश दिये. परिमार्जन पोर्टल पर जिस अंचल का सबसे ज्यादा लंबित मामला है, उससे संबंधित अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने व उनके विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया. एलपीसी निर्गत करने के संबंध में आवेदन लंबित रहने पर कर्मचारी व सीओ के स्तर पर दोषी के विरुद्ध स्पष्टीकरण पूछने एवं कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया. समाहर्ता को नीलाम पत्र वाद में अपने स्तर से समीक्षा कर वादों का निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश दिया गया. इसके अतिरिक्त आयुक्त ने सभी अपर समाहर्ताओं से बाढ़ पूर्व तैयारियों से संबंधित सभी बिंदुओं पर समीक्षा की व ससमय सभी तैयारियों को पूरा कर लेने का निदेश दिया.

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