राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं मदरसे : मौलाना अहमद वली

जामिया रहमानी, खानकाह मुंगेर के वार्षिक जलसा का आयोजन शनिवार को किया गया. जिसमें देशभर से लोग भाग ले रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 9, 2024 9:29 PM

मुंगेर. जामिया रहमानी, खानकाह मुंगेर के वार्षिक जलसा का आयोजन शनिवार को किया गया. जिसमें देशभर से लोग भाग ले रहे हैं. इस अवसर पर अमीर-ए-शरीयत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने कहा कि मदरसा देश में शिक्षा के उस मिशन का हिस्सा हैं, जो चार प्रतिशत जनता को शिक्षित कर रहे. देश की शिक्षा, निर्माण और विकास में मदरसों की भूमिका ऐतिहासिक है और इसे भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि जामिया रहमानी का मिशन शिक्षा का प्रसार, आत्म-सुधार और राष्ट्र-निर्माण है. इस अवसर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने कहा कि बोर्ड ने हर कठिन घड़ी में मुसलमानों का मार्गदर्शन किया है और इसके निर्माण व स्थिरता में खानकाह रहमानी का बड़ा योगदान रहा है.

वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ

उन्होंने वक्फ संशोधन बिल 2024 पर चर्चा करते हुए इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ और अन्यायपूर्ण बताया और स्पष्ट किया कि यह बिल किसी भी सूरत में मुस्लिम समाज स्वीकार नहीं करेगा. इस बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया और खानकाह रहमानी समेत विभिन्न संगठनों का विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक इसे खारिज नहीं कर दिया जाता. कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से 36 उलेमा और 65 हाफिजों की दस्तारबंदी (सम्मान समारोह) की गयी. साथ ही जामिया रहमानी के पत्रकारिता विभाग से एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम पूर्ण करने वाले 14 छात्रों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए.

अमीर-ए-शरीयत ने उलेमा और हाफिजों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य ज्ञान को फैलाना और न्याय को कायम रखना होना चाहिए. उन्होंने पत्रकारिता विभाग के छात्रों को सलाह दी कि एक साल का कोर्स पर्याप्त नहीं है; उन्हें अपने कौशल में सुधार करते हुए इसे जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए.

नाएब अमीर-ए-शरीयत मौलाना मो शमशाद रहमानी ने खानकाह रहमानी की बहुआयामी सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां के बुजुर्गों ने ध्यान और साधना के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर मैदान में भी काम किया है. जामिया रहमानी के उस्ताद मौलाना सैफ़ुररहमान नदवी ने संस्थान की सेवाओं की झलक प्रस्तुत की और इसे ज्ञान, कर्म और धार्मिक शिक्षा का एक आदर्श संस्थान बताया. जामिया के नाज़िम, हाजी मोहम्मद आरिफ साहब रहमानी ने वार्षिक बजट पेश किया और संस्थान के समर्थकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान अल्लाह के फज़ल और श्रद्धालुओं के सहयोग से निरंतर सफल हो रहा है.

कार्यक्रम में जामिया रहमानी के छात्र, उबैदुर्रहमान ने अरबी में और मोहम्मद मिनहाज ने अंग्रेजी में गजा पर अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी. साथ ही मोहम्मद नवाज़िश ने वक्फ संशोधन बिल पर प्रभावशाली अंग्रेजी भाषण दिया.

वीडियो के माध्यम से जामिया रहमानी के कार्यों की हुई प्रस्तुति

मुंगेर. जामिया रहमानी के पत्रकारिता विभाग द्वारा संस्थान की ऐतिहासिक उपलब्धियों को वीडियो के माध्यम से दिखाया गया. जिसमें फिक्र ओ नजर के नये लोगों और यू-ट्यूब चैनल का नाम बदलकर “फिक्र-ओ-नजर टीवी” रखने का ऐलान किया गया. पत्रकारिता विभाग के प्रमुख जनाब फजले रहमा रहमानी ने कहा कि पहली बार मदरसे के छात्रों ने मुख्यधारा की मीडिया के समान पत्रकारिता सेवाएं शुरू की हैं. जिसका उद्देश्य समाज को जागरूक करना है. वार्षिक जलसा का संचालन जामिया के शिक्षक मौलाना मोहम्मद नईम रहमानी, मौलाना रज़ाउर रहमान रहमानी, मौलाना खालिद रहमानी और मौलाना सैफ़ुर रहमान नदवी ने किया. जलसे से पूर्व खानकाह में क़ुरान की तिलावत और इस्तेग़फार की विशेष महफ़िलों का आयोजन किया गया. इस मौके पर अमीर-ए-शरीयत ने देश की शांति, मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा और खानकाह के पूर्व बुजुर्गों के उच्च स्थानों की प्राप्ति के लिए विशेष दुआ की, जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

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