नये साल में एमयू के कंधों पर होगी कई बड़ी जिम्मेदारी, मिलेंगे नये कुलपति

मुंगेर विश्वविद्यालय अब नये साल में खुलेंगे. जिसके साथ ही एमयू के कंधों पर कई बड़ी जिम्मेदारी होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 8:38 PM

मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय अब नये साल में खुलेंगे. जिसके साथ ही एमयू के कंधों पर कई बड़ी जिम्मेदारी होगी. जिसमें राजभवन से स्वीकृति मिलने के बाद सीनेट बैठक का आयोजन तथा बैठक में विश्वविद्यालय के निर्णयों का अनुमोदन जहां सबसे बड़ी चुनौती होगी. वहीं नये साल में विश्वविद्यालय के लिये कंधों पर अपने अनियमित हो चुके सत्रों को नियमित करने की जिम्मेदारी होगी. हालांकि एमयू को नये साल में स्थायी कुलपति मिल सकता है. ऐसे में नये कुलपति के लिये भी विश्वविद्यालय में कई बड़ी चुनौती होगी.

सीनेट बैठक में विश्वविद्यालय के निर्णयों का अनुमोदन होगी चुनौती

एमयू द्वारा जनवरी माह के अंत में सीनेट बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा गया है. जिसकी स्वीकृति राजभवन से मिलने के बाद नये साल में विश्वविद्यालय के लिये बैठक का आयोजन बड़ी जिम्मेदारी होगी. जिसमें विश्वविद्याल द्वारा साल 2023 में लिये गये अपने निर्णयों का अनुमोदन करना बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि साल 2023 में एमयू के द्वारा कई ऐसे निर्णय लिये गये हैं. जिसका अनुमोदन मुश्किल भरा होगा. इसमें कई शिक्षकों को अधिकारी की जिम्मेदारी देने, प्रमोशन प्रक्रिया पर उठे सवाल आदि का जवाब सीनेट सदस्यों को देना विश्वविद्यालय के लिये मुश्किल भरा होगा. जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट अनुमोदन भी बड़ी चुनौती होगी.

अनियमित हो चुके सत्रों को नियमित करना बड़ी जिम्मेदारी

नये साल में विश्वविद्यालय खुलने के बाद एमयू के कंधों पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने अनियमित हो चुके सत्रों को नियमित करना होगा. बता दें कि एमयू के सीबीसीएस के स्नातक सत्र 2023-27 जहां लगभग तीन माह अनियमित हो चुका है. वहीं सत्र 2024-28 स्नातक सेमेस्टर-1 की परीक्षा अबतक नहीं हो पायी है. जबकि इसकी परीक्षा सितंबर माह में ही होनी थी. इसके अतिरिक्त एमयू द्वारा 26 दिसंबर से लिये जाने वाले सत्र 2023-25 पीजी सेमेस्टर-3 तथा सत्र 2024-26 पीजी सेमेस्टर-1 की परीक्षा भी अब छात्रों के मांग पर ही स्थगित हो गयी है. ऐसे में नये साल में दोनों सत्रों की परीक्षा का आयोजन विश्वविद्यालय के लिये बड़ी जिम्मेदारी होगी.

नये कुलपति के लिये भी होगी बड़ी चुनौती

मुंगेर. एमयू का संचालन अगस्त माह से ही प्रभारी कुलपति के भरोसे हो रहा है. ऐसे में अब नये साल में राजभवन से विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति मिल सकते है, लेकिन नये कुलपति के लिये भी एमयू में कई बड़ी चुनौती होगी. जिसमें सबसे बड़ी चुनौती शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के बीच दरार को कम करते हुए विश्वविद्यालय का संचालन होगा, क्योंकि बीते साल एमयू में कई बार मर्यादा की हदें टूटती दिखी थी. इतना ही नहीं नये कुलपति के लिये छात्र संघ व सीनेट चुनाव को कराने की जिम्मेदारी भी होगी. जबकि विश्वविद्यालय के लगभग 3.70 करोड़ का एडवांस सेटलमेंट, बदहाल यूएमआईएस सिस्टम, कॉलेज व शैक्षणिक व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करना होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version